सुर्खियां मेयरशिप से हटाने की बात को सिरे से नकारा।कहा-खबर चलाने वाले मीडिया घराने बिना किसी का पक्ष लिए चला देते है खबरें, चर्चा बनाना ,उनका पेशा।
किसी समय अमृतसर मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू सीएम कैप्टन के बिल्कुल रहे है खास
पद से हटाने की चल रही चर्चा को लगा विराम, मेयर के साथ सभी पार्टियों के पार्षदों साथ चाय की चुस्कियां लेते हुई बैठक में दिखाया दमखम
एसएनई न्यूज़.अमृतसर/चंडीगढ़।
पंजाब कांग्रेस की सत्ता में नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के पदभार संभालते ही पंजाब कांग्रेस की सियासत में काफी हिलझुल हो रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने अमृतसर दौरे के दौरान अमृतसर नगर-सुधार ट्रस्ट चेयरमैन दिनेश बस्सी (कैप्टन के खासमखास) हटा कर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बेहद करीबी दबंग नेता की छवि के कारण जाने जाते दमनदीप सिंह उप्पल को नया नगर-सुधार ट्रस्ट का चेयरमेन नियुक्त कर दिया। इसी प्रकार बटाला नगर-सुधार ट्रस्ट के चेयरमैनशिप से 22 दिन पहले नियुक्त किए गए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के खासमखास पवन कुमार पम्मा को हटा कर सिद्धू गुट के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के निकटतम कस्तूरी लाल सेठ को फिर से बटाला नगर-सुधार ट्रस्ट का चेयरमेन लगा दिया। इसके बाद देर रात तक तो एक चैनल तथा राष्ट्रीय अखबार ने अपनी खास सुर्खियों में इस बात का जिक्र कर दिया गया कि अमृतसर नगर-निगम मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू (कैप्टन गुट) को हटा कर नया मेयर लगाया जा सकता है।
इस मुद्दे को लेकर किसी समय कैप्टन अमरिंदर सिंह के काफी करीबी रहें अमृतसर नगर-निगम के मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने उन सभी मीडिया तथा चैनल की खबर को विराम लगा दिया जब उन्होंने एसएनई न्यूज़ से बातचीत दौरान कहा कि उनके तो पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह मेरे बड़े भाई तथा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ अच्छे राजनीति ताल्लुकात है। उन्होंने मेयर के पद से हटाने की बात को सिरे नाकारते कहा कि हाऊस के कांग्रेस के अलावा विपक्षी पार्टियां तथा आज़ाद पार्षद सभी उनके साथ सहमत है। कयास इस बात के लगाए जा रहे है कि रिंटू की हमेशा से शुरू से रणनीति रही है कि वह अपने तथा अन्य पार्षदों का खास ख्याल रखते आए है। इतना ही पिछले कुछ समय पहले ग्रीष्म गर्मी दौरान उनके द्वारा (पार्षदों के लिए) में समस्या सुनने के लिए हाउस के कमरों में एसी जैसी सुविधा मुहैया करा दी थी। इस दौरान वे पार्षदों के मसीहा के नाम से भी जानने लगे थे।
इस बीच रिंटू ने रखी आज (वीरवार) बैठक में सभी हाऊस के पार्षद पहुंचे। चाय तथा बिस्कुट के स्वाद साथ अपनी बातचीत को जारी रखा। सभी ने ऐलान कर दिया कि मेयर रिंटू जी आपको घबराने की कदापि जरूरत नहीं है। क्योंकि हम सबका समर्थन आपके साथ है। इस बीच चंडीगढ़ से यह खबर भी आ रही है कि रातों-रात रिटूं को अमृतसर मेयर से हटाने वाली बात को अब पूर्ण रूप से ठप कर दिया। क्योंकि , उन्हें मालूम है कि रिंटू के पास सत्ता तथा पार्षदों की शक्ति है, अगर बदल भी देते है तो कांग्रेस की सियासत में बड़ा बदलाव आ सकता है।
रातभर किन-किन नेताओं की रही चर्चा
पंजाब कांग्रेस के हाईकमान के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक रातभर अमृतसर से निगम के मेयर को बदलने की खूब चर्चा चलती रहा। खासकर, पंजाब हाईकमान के पास सिद्धू के बेहद करीबी नेता शालिंदर शैली तथा उप-मुख्यमंत्री के भतीजे विकास सोनी के नाम पर अमृतसर मेयर बनाने की खूब चर्चा रही । इतना ही नहीं , इसमें एक के नाम को हाईकमान ने फाईनल भी कर दिया था।
ऐसे बदला हाईकमान ने निर्णय
रात को अमृतसर नगर-निगम के मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू को इस बात का पता चल गया था कि निगम मेयर को कभी भी हटाया जा सकता है। मगर , वे राजनीति के समीकरण बदलने में काफी माहिर होने वाले नेताओं में शुमार करते है। इसलिए रात भर सभी पार्षदों को सुबह आने का न्यौता दिया गया। चाय, बिस्कुट तथा बातचीत के माध्यम से इन पार्षदों को मेयर रिंटू ने अपना दिल जीत लिया। हाईकमान को जैसे ही खबर मिली की कि रिंटू के समर्थन में सभी पार्षद है तो उन्हें अहम समय अपने फैसले को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फिर शुरू हुई राजनीति
इस दौरान कर्मजीत सिंह रिंटू ने अपना राजनीतिक दिमाग चलाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के गुट में अपनी सहमति जताने का बेहतर विकल्प समझा। कभी सिद्धू गुट से दूरियां बनाए रखने वाले रिंटू को नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति में अपने बड़े भाई लगने लगे तथा चरणजीत सिंह चन्नी सीएम के साथ राजनीति में अच्छा संबंध होने की बात का हवाला देना पड़ा।
कैप्टन गुट को खत्म करने की रची जा रहा साजिश
कांग्रेस पार्टी से संबंधित राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे कि पंजाब की सत्ता में बड़ा बदलाव हो चुका है। अब सिद्धू के इशारे पर कैप्टन ग्रुप को पंजाब में कमजोर या बिल्कुल ही राजनीति में खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो दिन की भीतर कई शहर में कैप्टन के खासमखास चेयरमैन को हटाकर सिद्धू ग्रुप के बेहद करीबियों को चेयरमैन लगाया जा रहा है। ऐसा करने से पंजाब कांग्रेस को आगामी चुनाव में नुकसान होने के भी संकेत मिल रहे है।