कड़ा मुकाबला…सबका लगा है राजनीतिक जीवन दांव पर….अब देखना होगा कौन मारता है चौके-छक्के, कौन होगा बोलड या फिर आउट…सस्पेंस बरकरार
एसएनई की राजनीति विश्लेषक टीम/अमृतसर/चंडीगढ़।
काफी लंबे समय से अमृतसर विधानसभा हलका उत्तरी कांग्रेस की परंपरागत रह चुकी सीट पर, इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने जा रहा है। चुनावी अखाड़ा पूरी तरह से सज चुका है। मैदान में खेलने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी डट चुके है। आप की तरफ से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जांबाज आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह, शिअद से पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी, कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुनील दत्ती तथा भाजपा से सुखमिंदर सिंह पिंटू मैदान में बाजी मारने के लिए तैयार हो चुके है।
इस बार कड़ा मुकाबला होने के पूरे संकेत मिल चुके है। क्योंकि, हर पार्टी का प्रत्य़ाशी राजनीति तथा आम-जनता के बीच अच्छी साख रखता है। इस बीच मुकाबलें में सबका राजनीतिक जीवन भी दांव पर लग चुका है। क्योंकि , हर कोई अपनी जीत सुनिश्चित होने का लंबा-लंबा दावा भी कर रहा है। अब देखना होगा कि इस मुकाबले में कौन-कौन सा खिलाड़ी चौका-छक्का मारता है। इंतजार इस बात का भी रहेंगा, इस मुकाबले में कौन सा खिलाड़ी बोल्ड होता है या फिर इस खेल से आउट हो जाता है। इस बात को लेकर अब तक सस्पेंस पूर्ण रूप से जारी है।
जनता तथा समर्थकों की मानें तो उनके मुताबिक , पंजाब की इस सीट पर रोचक मुकाबला होने जा रहा है तथा हर कोई अपने-अपने नेता की जीत को सुनिश्चित होने की बात को दोहरा भी रहा है। यह तो मतगणना का दिन ही तय करेगा कि किस प्रत्याशी ने सबको बोल्ड कर दिया।
भाजपा को छोड़कर , शिअद का दामन थामने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी का राजनीति का अनुभव अच्छा खासा है, जबकि इस बार उन्हें चौकणीय का मुकाबला मिल रहा है। चुनावी मैदान में सर्द मौसम में भी गर्मी का अहसास हो रहा है। उन्हें मालूम है कि जनता का विश्वास तथा उनका मत हासिल करने के लिए कड़ी परिश्रम ही उनके लिए जीत का रास्ता तैयार कर सकती है। फिलहाल, जोशी के समर्थन सुखबीर बादल तथा बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे वरिष्ठ नेता पूरा-पूरा सहयोग कर रहें है। जबकि , सबसे बड़ी बात यह है कि इलाका हिंदू बहुल है।
मौजूदा विधायक सुनील दत्ती पर, इस बार भी कांग्रेस हाईकमान ने टिकट देकर उन पर खरा विश्वास जताया। इससे पूर्व कयास , इस बात के भी लग रहे थे कि शायद दत्ती की जगह पंजाब कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव जोगिंदर पाल ढींगरा को टिकट मिल सकती है। अहम वक्त पर दत्ती को ही कांग्रेस हाईकमान ने टिकट देकर , उन पर फिर से विश्वास जताया। दत्ती का इस क्षेत्र में लोगों का काफी गुस्सा भी सामने आ रहा है। लोग बता रहे है कि विधायक जी ने तो विकास तथा काम दोनों ही अपने समर्थकों के ही किए। आम जनता को हमेशा से ही उनके दरबार से खाली हाथ लौटना पड़ा। अगर मतदान के समय लोगों की नाराजगी दत्ती के प्रति सामने आई तो कांग्रेस के लिए यह सीट जीत में बहुत बड़ा रोड़ा बन सकती है।
भाजपा ने इस सीट पर काफी देर बाद अपने प्रत्याशी की टिकट जारी की। टिकट भाजपा में कई बार के रह चुके पार्षद सुखमिंदर सिंह पिंटू को दी गई। लोगों में चेहरा इतना पॉपुलर नहीं है, जबकि सिख चेहरा होने तथा पार्टी के अपने मत की वजह से इस सीट से अन्य प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे सकती है। एक बात को साफ है कि पिंटू की छवि तथा कुशल स्वभाव जनता के बीच जाकर बड़ा कुछ करने का भी माधा रखताहै। फिलहाल, पार्टी को इस सीट को जीतने के लिए अभी बड़ी मेहनत करने की जरूरत है। बताया जा रहा है कि पिंटू पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के बहुत खास रह चुके है। अब देखना होगा दोनों के समर्थक किसके साथ चलने के लिए राजी होते है। फिलहाल चुनाव नतीजे से पूर्व , किसी की जीत को सुनिश्चित कहना एक कयास की ही धारणा हो सकती है।
क्या है ग्राउंड रिपोर्ट
विधानसभा हलका उत्तरी की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक , इस बार मुकाबला चोकणीय हो रहा है। शिअद के प्रत्य़ाशी अनिल जोशी लोगों की पसंदीदा तो है, जबकि शिअद तथा कुछ उनके पुराने समर्थक अब भी नाराज़ चल रहे है। लोग, इनके पुराने विकास को भी नहीं भूल रहे है। जबकि, नाराजगी की बात सामने आने पर मत प्रतिशत में बड़ा उलटफेर हो सकता है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को इस क्षेत्र में रहने पूर्व तथा वर्तमान के सरकारी अधिकारियों का मत मिलना संभव है, जबकि अन्य क्षेत्र से जुड़े तथा आम-जनता के बीच पकड़ बनाने में अभी उन्हें ओर परिश्रम करने की जरूरत समझी जा रही है।
सुनील दत्ती को कांग्रेस की खुद वोट भी उनके हाथ से जाती दिखाई दे रही है। कुछ वर्कर तथा समर्थकों की नाराजगी, उन पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। विकास तथा क्षेत्र में कम अनुपस्थिति भी उनकी जीत की राह में बड़ा गड्ढा सामने आ रहा है। भाजपा के सुखमिंदर पिंटू का अभी चुनावी मैदान में पकड़ को लेकर इतना बड़ा रसूख सामने नहीं आ रहा है। जबकि, भाजपा पार्टी तथा अन्य सहयोगी दलों से पिंटू को सहयोग मिलने के पूरे-पूरे आसार दिखाई दे रहे है। अब देखना होगा, मैदान का असली हीरो कौन होगा।
क्या रहा इस सीट का इतिहास
शुरु से ही यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। अब तक कुल 11 बार विधानसभा में 7 बार कांग्रेस तथा 4 बार भाजपा जीत सुनिश्चित कर सकी है। पिछली बार इस सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक ने भाजपा प्रत्य़ाशी अनिल जोशी को कड़े मुकाबले में हराया था। हालांकि, रुझान इस बात के आ रहे थे कि जोशी इस बार भी सीट जीत सकते है, जबकि अंतिम समय में सुनील दत्ती ने लीड हासिल कर सबको चौंका दिया था।
शिअद का इस सीट पर लगा पूरा-पूरा दांव
हमेशा से ही शिअद गांव तथा कस्बों में जीत हासिल करता रहा। शहरी क्षेत्र में उनका वोट बैंक इतना प्रभावशाली नहीं रहा है। अब इस बार वह बसपा के साथ गठजोड़ कर शहरी क्षेत्र के कुछ सीट पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया है। पंजाब की शिअद के लिए सबसे बड़ी हॉट सीट अमृतसर की विधानसभा हलका उतरी है, क्योंकि भाजपा को छोड़कर बड़ा चेहरा अनिल जोशी शिअद में शामिल हुआ। इस सीट से अनिल जोशी को शिअद-बसपा गठजोड़ संयुक्त के प्रत्याशी है। हिंदू चेहरा होने के साथ-साथ पार्टी सिख मत हासिल करने में भी अपना पूरा-पूरा जोर लगा रही है। पता लगा है कि शिअद का इस सीट पर बड़ा दांव लगा हुआ है।
कुल मतदाता
विधानसभा हलका उतरी से कुल मतदाता की संख्या 182650 है। इनमें पुरुष मतदाता 95488, महिला मतदाता 87152, जबकि 10 अन्य मतदाता है। कुल पोलिंग स्टेशन 211 है। वर्ष 2017 के चुनाव रुझान में सुनील दत्ती को कुल मत-59212 ( 59 प्रतिशत), अनिल जोशी -44976 (38.4 प्रतिशत) आम आदमी पार्टी के प्रत्य़ासी मनीष अग्रवाल-10,966 (9.36 प्रतिशत) था।