धरने से हो रहा था स्थानीय प्रशासन व सरकार को नुकसान, बातचीत के माध्यम से निकाला हल
एसएनई न्यूज, करनाल (चंडीगढ़)।
किसानों तथा करनाल प्रशासन के बीच चली लंबी बातचीत तथा मांगे मान लेने के उपरांत किसानों ने अपना धरना उठा लिया। अब किसान दिल्ली की टीकरी सीमा तथा सिंघु सीमा पर धरना देने के लिए कूच कर चुके है। इस बात की पुष्टि किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी तथा प्रशासन ने एक संयुक्त तौर पर की गई प्रेस वार्ता में कर दी। प्रशासन की तरफ से किसानों पर की गई लाठीचार्ज की जांच, मृतक किसानों के एक सदस्य को नौकरी, एसडीएम को छुट्टी पर भेज देने के आश्वासन उपरांत धरना समाप्त करने का निर्णय लिया।
धरना की मूल वजह थी कि करनाल में किसानों द्वारा भाजपा सरकार के खिलाफ करनाल में जाम लगा रखा था। इस दौरान तत्कालीन एसडीएम ने पुलिस को आदेश जारी करते किसानों के ऊपर पत्थर फेंकने की वीडियो वायरल हुई। उस दौरान एक चोटिल किसान की मौत हो गई थी तथा किसान घायल हो गए। इस प्रकार की कार्यप्रणाली के खिलाफ किसानों ने करनाल पर सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ धरना लगा दिया। धरने की वजह से परिवहन तथा सरकार को काफी नुकसान हो रहा था।
इस मसले को सुलझाने के लिए करनाल प्रशासन ने पहल करते हुए शुक्रवार की रात किसान नेताओं के साथ लंबी बातचीत शुरु की। प्रशासन ने भरोसा दिया कि वह किसानों की हर संभव मांग को पूरा किया जाएगा। उसके बाद किसान नेताओं ने अपने साथियों के साथ बातचीत करके अपना फाइनल फैसला सुनाया। उक्त फैसले में दोनों तरफ से सहमति बन गई। धरना रात को ही समाप्त कर दिया गया था, जबकि अधिकारिक तौर पर पुष्टि दोनों तरफ से शनिवार दोपहर प्रेस वार्ता के माध्यम से की गई।