इन दिनों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह कांग्रेस पार्टी तथा पंजाब सरकार की लुटिया डुबोने का अहम किरदार निभा रहे है। इस बात का अंदाजा , यही से लगाया जा सकता है कि वह कांग्रेस सरकार के हर कार्य पर सवाल खड़े कर रहे है, जिसका फायदा विपक्ष को भरपूर मिल रहा है। एक प्रकार से उन्हें (विपक्ष) कांग्रेस सरकार को घेरने में अवसर मिल रहा है। लोगों के हित में पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर सिद्धू द्वारा गलत बयानबाजी करना, इस बात की ओर संकेत जाता है कि सिद्धू सरकार के काम से खुश नहीं है तथा मन बना लिया है कि हर कार्य पर कटाक्ष कैसे करना है, उस पर खाका तैयार करने में हर समय लगे रहते है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों बिजली बिल माफी, सस्ती बिजली उपभोक्ताओं को दीपावली तोहफा दिया तो उसी वक्त सिद्धू ने प्रेस वार्ता कर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेर लिया। कहना शुरु कर दिया की कि लोगों को इतनी सस्ती बिजली सरकार कैसे दे सकती है? क्या सरकार के पास इसका कोई खाका है? इतना ही नहीं, चुनावों का नजदीक समय आने का हवाला देकर चन्नी सरकार को पूर्ण रूप से घेरने से भी पीछे नहीं हटें।
चन्नी सरकार ने कैबिनेट में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पेट्रोल, डीजल के दाम 10 से 5 रुपए तक सस्ते कर दिए। यह बात सिद्धू को हजम नहीं हुई तो चन्नी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए कहा कि इससे पंजाब के वित्तीय हालात बिगड़ सकते है तथा इस फैसले को बिना योजना बनाए कह डाला। हालांकि, पंजाब के लोग चन्नी के सुधारात्मक फैसले से काफी खुश है तथा उनकी इन कार्यों की हर कोई प्रशंसा भी कर रहा है। जबकि सिद्धू जैसे लोग कांग्रेस तथा सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
इस बात की चर्चा चल रही है कि कांग्रेस हाईकमान प्रतिदिन सिद्धू द्वारा किए जा रहे हमले पर क्यों नहीं लगा रही है लगाम। सवाल तो यह भी उठ रहे है क्या कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू के समक्ष घुटने टेक दिए है या फिर उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर सिद्धू के पर काटे तो उन्हें पंजाब सरकार तथा कांग्रेस में भारी नुकसान हो सकता है। अगर यहीं बात हाईकमान सोचती है तो इससे एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस की आने वाले दिनों में नइया डूबने से कोई नहीं रोक सकता है।
विधानसभा चुनाव में यहीं बगावत कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा सकती है, जिसका शायद कांग्रेस ने कभी सोचा भी नहीं हों। नवजोत सिंह सिद्धू से उनके विधानसभा हलका के निवासी हमेशा से ही सवाल खड़े करते आए है कि जनाब तो यहां पर कभी सुध लेने तक नहीं पहुंचे है। क्षेत्र में विकास नाम की कोई चीज नहीं दिखाई दी रही है। लोगों को अगर कोई काम पड़ता है तो अमृतसर निवास में सिद्धू साहब गैरहाजिर ही रहते है।
अब चर्चा इस बात की भी चल रही है कि लोगों की मुश्किलों का हल निकालने के लिए उनकी बेटी राबिया सिद्धू आगे आ रही है, जबकि लोगों का कोई काम नहीं होने की वजह से सिद्धू परिवार से काफी खफा होने के संकेत भी मिल रहे है। लोग सिद्वू पर आरोप जड़ रहे है कि इनके परिवार को पूर्वी विधानसभा हलका सीट से पिछले साढ़े नौ साल से राज चल रहा है, जबकि हलके में लोगों की सुध लेने के लिए एक बार भी नहीं पहुंचे।
पिछले समय नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ लापता के पोस्टर भी एक संस्था ने लगा दिए थे। सिद्धू के लाडले पार्षदों की चारों उंगलियां घी में है। वह सिद्धू के शासनकाल में हर प्रकार से फायदा ले रहे है। बेनामी संपत्तियां, अवैध अतिक्रमण , इतना ही नहीं शहर की सबसे चर्चित चेयरमैनशिप की कुर्सी सिद्धू ने अपने लाडले को दिलाकर एक बात तो साबित कर दी है कि सिद्धू के साथी हर प्रकार से फायदा ले रहे है।
प्रधान संपादक-विनय कोछड़ (एसएनई न्यूज़)।