वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
आम चुनाव को लेकर पंजाब की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) 8 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर इस बात का संदेश दे चुकी है कि वह खुद के दम पर चुनाव लड़ने जा रही है। आप-कांग्रेस के गठबंधन पर पूर्ण रुप से विराम लग चुका है। जबकि, भाजपा-शिअद दोनों पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी अभी तक घोषित नहीं किए। इससे साफ पता चल जाता है कि दोनों के बीच गठबंधन को लेकर अभी भी चर्चा चल रही है। पार्टी के खास सूत्र ने बताया कि इस सप्ताह दोनों पार्टियों का आपसी गठबंधन हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह ने वीरवार को इस बात का संकेत दे दिया। उनके मुताबिक, एनडीए अपने परिवार के सभी सदस्यों को साथ लेकर चलना चाहती है। शिअद का भी उस परिवार का एक हिस्सा है।

आम चुनाव तय समय घोषित हो चुका है। पंजाब में चुनाव अंतिम चरण में होना है। आप ने 8 सीट पर अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया। पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीट है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को अधिक सीट मिली थी। जबकि, एनडीए गठबंधन (शिअद-भाजपा) को 4 सीट जीतने में सफल रहे थे। इस बार दोनों के गठबंधन को लेकर केंद्रीय स्तर पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। सूत्रों से पता चला है कि किसान आंदोलन तथा बंदी सिखों के मामले को लेकर दांव पेंच फंस जाता है। बीच का रास्ता निकालने में दोनों तरफ से कड़े प्रयास हो रहे है। शाह का एक सम्मेलन में अकाली दल के गठबंधन को लेकर दिए बयान ने एक बात को साफ कर दिया है कि गठबंधन किसी भी समय हो सकता है। संकेत इस बात के भी मिल रहे है कि दोनों तरफ से बातचीत फाइनल दौर तक पहुंच चुकी है। मोहर लगाना शेष है।
दोनों को होगा फायदा
राजनीतिक विशेषज्ञों की बात मानें तो उनके मुताबिक, अगर पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन हो जाता है तो उनकी आम चुनाव में स्थिति काफी मजबूत हो सकती है। 7-8 सीट जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। आप तथा कांग्रेस को नुकसान होगा। शहरी मत भाजपा तथा ग्रामीण मत अकाली दल भारी संख्या में हासिल कर सकती है।