सम्मान की बात——-भारतीय पादरी जॉर्ज कार्डिनल नियुक्त……पोप फ्रांसिस ने भेंट की टोपी और अंगूठी

POP FRANCIS WITH INDIAN FATHER

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

वेटिकन में शनिवार को एक भव्य समारोह में पोप फ्रांसिस ने भारतीय पादरी जॉर्ज कूवाकड को कार्डिनल नियुक्त किया। इस समारोह में दुनियाभर के पादरी और गणमान्य लोग शामिल हुए। यह आयोजन सेंट पीटर्स बासिलिका में हुआ, जहां विभिन्न देशों से 21 नए कार्डिनल नियुक्त किए गए।


समारोह की शुरुआत रात साढ़े आठ बजे (भारतीय समयानुसार) हुई, जिसमें 21 कार्डिनल को पोप ने वेदी के पास बुलाया। इसके बाद पोप ने सभी कार्डिनल से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया। पोप ने इन सभी कार्डिनल के लिए तय एक विशेष टोपी और अंगूठी भेंट की। इसके साथ ही उन्हें प्रमाणपत्र भी सौंपे गए। जॉर्ज कूवाकड की पदोन्नति से भारत में अब कार्डिनल की कुल संख्या छह हो गई है। इससे वेटिकन में भारत का प्रतिनिधित्व और भी मजबूत हुआ है। कूवाकड की नियुक्ति के बाद भारत और खासकर केरल में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसे भारत के लिए गर्व की बात बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक समारोह में भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था।


वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इस मौके पर नए कार्डिनल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कूकावड की पदोन्नति भारत और केरल के ईसाई समुदाय, खासकर सायरो-मालाबार चर्च के लिए एक बड़े सम्मान की बात है। पूर्व कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी ने भी कूवाकड की पदोन्नति पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि कूवाकड ने चर्चा के लिए उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं और यह भारत, केरल और कैथोलिक चर्च के लिए गर्व का क्षण है।


इस समारोह में केरल के चंंगनाशेरी से भी कई लोग वेटिकन पहुंचे, जिन्होंने अपने पादरी की पदोन्नति की जश्न मनाया। चंंगनाशेरी में चर्च और स्थानीय लोग इस ऐतिहासिक अवसर पर विशेष प्रार्थनाएं कर रहे हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन, पूर्व केंद्रीय मंत्री कोडिकुनिल सुरेश, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, भाजपा नेता अनिल एंटनी, अनूप एंटनी और टॉम वडक्कन भी शामिल थे।


कौन हैं जॉर्ज कूवाकड


जॉर्ज कूवाकड का जन्म 11 अगस्त 1973 को तिरुवनंतपुरम में हुआ। उन्हें 24 जुलाई 2004 को पादरी के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने प्रतिष्ठित पोंटिफिकल इकलेसियास्टिकल एकेडमी से कूटनीतिक सेवा का प्रशिक्षण लिया था। कूवाकड ने अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया, ईरान, कोस्टा रिका और वेनेजुएला जैसे देशों में चर्च के कूटनीतिक कार्यों में अहम भूमिका निभाई है। वह 2020 से वेटिकन के सचिवालय में पोप की वैश्विक यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं। 

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