सरकार चन्नी की,मौज बादल परिवार की—-दिल्ली एयरपोर्ट तक बादल परिवार की बसों को सीधी एंट्री….पंजाब सरकार की बसों की एंट्री सिर्फ बस स्टैंड तक

विदेशी यात्रियों को लूटा जा रहा सरेआम, भर रहे 3000 तक किराया….पंजाब सरकार को प्रतिमाह हो रहा एक करोड़ का नुकसान

एसएनई न्यूज़.अमृतसर।

पंजाब में बेशक कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार चल रही है, लेकिन इस सरकार में मौज बादल परिवार की है। बादल परिवार की इंडो कैनेडियन बसें दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक सीधी जा रही हैं, जबकि पंजाब सरकार की बसों को दिल्ली बस स्टैंड से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। विदेशों में आने-जाने वाले 1050 रुपये के स्थान पर 2500 से 3000 हजार रुपये तक का किराया मजबूरी में भर रहे हैं। वहीं पंजाब सरकार को इससे एक करोड़ रुपये का हर माह नुकसान भी हो रहा है।


पंजाब रोडवेज में पनबस की 10 और पीआरटीसी की 6 वोल्वो बसें दिल्ली एयरपोर्ट के लिए चलाई जाती थीं जो अब सिर्फ नई दिल्ली बस स्टैंड तक ही जाती हैं। वहीं इंडो कैनेडियन की करीब 27 बसें सीधे एयरपोर्ट जा रही हैं। पंजाब सरकार ने फैसला लिया था कि वॉल्वो बसों को दिल्ली एयरपोर्ट तक चलाया जाए ताकि एयरपोर्ट तक आने जाने वाले यात्रियों को इसका फायदा मिले। टिकट भी 1050 रुपये ही रखी गई थी, जबकि बादल परिवार की इंडो कैनेडियन बस की टिकट 2500 रुपये से कम नहीं थी।

वॉल्वो बस एनआरआई हब जालंधर, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर से शुरू की गई थीं। अब पंजाब सरकार बादल परिवार की बसों की तरफ आंखें बंद कर बैठी है, जबकि खुद की सरकारी बसों के पहिये जाम कर रखे हैं। दिल्ली सरकार ने पंजाब सरकार की बसों को दिल्ली एयरपोर्ट तक जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगा रखी है लेकिन बादल परिवार की बसें दनदनाती दिल्ली एयरपोर्ट तक जाकर इस धंधे पर अपना वर्चस्व बनाकर दौड़ रहीं हैं। 


बादल परिवार की बसें टूरिस्ट परमिट पर चल रही है, जबकि इसके लिए स्टेट कैरियर की जरूरत होती है। 1993 के रूल्स के मुताबिक टूरिस्ट परमिट पर सिर्फ टूरिस्ट सर्किट पर ही यात्रियों को बैठाया जा सकता है, लेकिन इंडो कैनेडियन बसें इस परमिट को स्टेज कैरिज परमिट के रूप में इस्तेमाल कर जगह-जगह से सवारी उठाकर सीधे एयरपोर्ट जा रही हैं। इतना ही नहीं, इसकी टिकटें भी ऑनलाइन बेची जा रही हैं।  


गंभीरता से लिया जा रहा है, परिणाम मिलेगा


पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर राजा वड़िंग के मीडिया सचिव दुर्लभ सिंह का कहना है कि इंडो कैनेडियन बस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और परिणाम भी देखने को मिलेंगे।

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