सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगे हाथ किया था गिरफ्तार
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
साफ सुथरे प्रशासन का दावा करने वाली पंजाब की चरणजीत चन्नी सरकार ने रिश्वतखोरी के आरोपी आईजी को दोबारा उसी पद पर बैठा दिया है। 17 अगस्त 2018 को सीबीआई, चंडीगढ़ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने फिरोजपुर रेंज के आईजीपी गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नाम पर दस लाख रुपये रिश्वत लेते बिचौलिए अशोक गोयल को लुधियाना से रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपी के कब्जे से रिश्वत के उन्हीं नंबरों के नोट बरामद हुए जो सीबीआई ने मामले के शिकायतकर्ता पटियाला, विजिलेंस ब्यूरो से सेवानिवृत्त एसएसपी शिव कुमार को देकर ट्रैप लगाया था।
रिश्वत की रकम सील करने के बाद पुलिस ने आरोपी के घर पर सर्च की साथ ही आईजी फिरोजपुर गुरिंदर सिंह ढिल्लों के कार्यालय पर सर्च की। सीबीआई को रिश्वत के वह पांच लाख रुपये बरामद हुए, जो आरोपी ने बीती नौ अगस्त को शिव कुमार से चंडीगढ़ के सेक्टर-35 में लिए थे। इसके बाद सीबीआई टीम ने आरोपी से कई सवाल किए। आईजीपी गुरिंदर सिंह ढिल्लों का नाम सामने आने पर सीबीआई ने उनके फिरोजपुर स्थित ऑफिस-कम-रेजिडेंस पर छापेमारी की। वहां से सीबीआई के हाथ काफी दस्तावेज लगे।
उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे और पंजाब का गृह विभाग भी उनके पास था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तत्काल आईजी फिरोजपुर गुरिंदर सिंह ढिल्लों का तबादला चंडीगढ़ कर दिया। तभी से गुरिंदर सिंह ढिल्लों चंडीगढ़ हेडक्वार्टर में तैनात थे। कैप्टन की सरकार जाते ही वे दोबारा फील्ड में आ गए हैं। उनको चन्नी सरकार में आईजी जोनल जालंधर लगा दिया गया है। हालांकि सीबीआई द्वारा अभी तक केस की जांच की जा रही है।
यह था मामला…
पटवारी मोहन सिंह ने करीब दो साल पहले पटियाला के एसएसपी शिव कुमार के खिलाफ शिकायत की थी कि उन्होंने उसे झूठे केस में फंसाकर अवैध तौर पर हिरासत में रखकर टॉर्चर किया। तत्कालीन कमिश्नर काहन सिंह पन्नू ने जांच की थी और करीब 10 दिन की जांच के बाद शिव कुमार को क्लीन चिट देकर केस से निकाल दिया था। फिर पटवारी मोहन सिंह ने उच्चाधिकारियों को शिकायत दी, जिसके बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। यह एसआईटी फिरोजपुर के आईजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में बनी। एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान शिव कुमार के घर में कई बार रेड की और कई दस्तावेज और अन्य सामान जब्त किया। आरोप है कि जांच के दौरान शिव कुमार को काफी परेशान किया गया। इस दौरान शिव कुमार से एक बिचौलिया अशोक गोयल मिला और उन्हें मामले से निकालने के लिए आईजी ढिल्लों के नाम पर 22 लाख रुपये रिश्वत की बात कही। इसकी पहली किस्त की अदायगी हो गई थी पर इससे पहले शिव कुमार ने सीबीआई को इसकी शिकायत कर दी। सीबीआई ने ट्रैप लगाकर गोयल को पकड़ लिया। इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया कि उनके पास गिरफ्तार अशोक गोयल व आईजी ढिल्लों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग हैं। इसके लिए बाकायदा अदालत में आईजी ढिल्लों के वॉयस सैंपल के लिए आवेदन किया गया और अदालत ने उसकी मंजूरी भी दी थी।