एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी पहचान एक आम इंसान तथा सादगी के रूप में बना ली है। जबकि , इनकी टीम का हिस्सा पंजाब के डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी शायद अभी तक अपने वीआईपी कल्चर से बाहर नहीं आ रहे है। यहीं वजह है कि उनका अमृतसर में किसी जगह दौरा हो तो , वहां की ट्रैफिक व्यवस्था को आधा घंटा के लिए रोक दिया जाता है। इतना ही नहीं, डिप्टी सीएम की पिछले दिनों सोशल मीडिया में अपनी टीम के साथ सरकारी हेलीकॉप्टर में सवार होने की तस्वीरें खूब वायरल हुई थी।
पिछले हफ्ते उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी ने एक पत्र पंजाब के प्रमुख सचिव को डाल कर अपने लिए उप-मुख्यमंत्री के तौर पर सरकारी कार्यालय तथा आवास की मांग की थी। इतना ही नहीं, उस पत्र में पूर्व उप-मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को उस दौरान जो भी सरकारी सुविधाएं हासिल हुई, उनका हवाला देकर खुद भी ऐसे ही सुविधाएं की मांग की गई। जबकि, इस पत्र को सीएम के हस्ताक्षर होने के बाद ही सबकुछ मुमकिन होना था। इस पत्र की चर्चा के बाद विपक्ष के निशाने पर ओम प्रकाश सोनी आ गए थे।
ऐसे में एक बात तो साफ जाहिर हो जाती है कि डिप्टी सीएम अपने पद में मिलने वाली हर सुविधा को हासिल करना चाहते है। जबकि, उन्हें अपने सीएम की सादगी तथा सुरक्षा में कटौती जैसी चीजों से सीख लेनी चाहिए। क्यों कि चन्नी ने हर मंच पर सार्वजनिक तौर कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा में 1000 सुरक्षाकर्मी की आवश्यकता नहीं है। मुझे किसी से कोई खतरा नहीं है।
रविवार के दिन डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी का अमृतसर शहर के भीड़भाड़ वाले स्थल पर दौरा था। वहां पर दो घंटा पहले ही सुरक्षा के बंदोबस्त इतने कर दिए गए कि हर राहगीर को पूछताछ के बिना नहीं गुजरने दिया गया। आम-जनता परेशान हो गई। ऊपर से गर्मी की वजह से लोगों के पसीने छूटने लगे।
इतना ही नहीं, जब उप-मुख्यमंत्री ने उस रास्ते से निकलना था तो एक घंटा के करीब ट्रैफिक रोक दी गई। क्योंकि नेता जी की वहां से गाड़ियों का काफिला गुजरना था। जाम में फंसे लोग मंत्री जी को दुहाई इस बात की दे रहे थे कि अब उनका सड़कों पर निकलना ही मुश्किल हो चुका है। हर किसी कोई न कोई जरुरी काम के लिए घर से निकलना होता है, जबकि नेता जी के कारण अपने गंतव्य में पहुंचने के लिए कई घंटो का अधिक समय लगा है।