शम्मी शर्मा/विकास कौड़ा/चंडीगढ़।
विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर कांग्रेस नेतृत्व किसी भी राज्य में अपना सीएम चेहरा नहीं घोषित करना चाहता था। पंजाब में भी सीएम चेहरा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व बिना चेहरे के ही चुनाव लड़ना चाहता था। चरणजीत सिंह चन्नी तथा नवजोत सिंह सिद्धू की आपसी बयानबाजी को रोकने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ जाकर राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किया।
भले ही नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस नेतृत्व के फैसले से नाराज है।फिलहाल, कांग्रेस में इस बात की चर्चा छिड़ चुकी है कि पार्टी में एक ही परिवार का कांग्रेस नेतृत्व में पूरा-पूरा दबदबा है, वो है गांधी परिवार। पार्टी नेतृत्व को भी पता है कि है कि इस परिवार के बिना कांग्रेस अधूरी है। देश की स्वतंत्रता उपरांत , इस परिवार ने देश में कई प्रधानमंत्री रह चुके है। कांग्रेस नेतृत्व में अन्य किसी चेहरे को बहुत कम ही अवसर मिला है। अगर मिला है तो कमान गांधी परिवार के हाथ ही रहीं। प्रधानमंत्री तो सिर्फ तो सिर्फ रिमोट कंट्रोल का रहा है। इस बात का संकेत पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर सटीक बैठता है। 10 वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री तो जरुर रहे, जबकि फैसला गांधी परिवार पर ही निर्भर रहा है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस नेतृत्व के विरुद्ध जाकर गांधी परिवार ने पक्का प्रमाण दे दिया। कैसे पंजाब में कांग्रेस सीएम के चेहरे को लेकर राहुल-गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस नेतृत्व के विरुद्ध जाकर पंजाब में चन्नी को सीएम चेहरा घोषित कर दिया। अब देखना होगा कि क्या पंजाब में सिद्धू-चन्नी की ठन गई है या फिर भीतर ही भीतर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के विरुद्ध हो गए है। फिलहाल, सिद्वू के संकेत तो इस बात के पूर्ण रूप से स्पष्ट कर देते है कि सिद्धू हाईकमान के फैसले से बिल्कुल नहीं खुश है। चाहे स्टेज पर सिद्धू-चन्नी ने एक दूसरे का साथ देने का ऐलान कर दिया है। कहीं न कहीं सिद्धू के जहन में अब भी कांग्रेस के प्रति रोष जरुर दिखाई दे रहा है। अंदाजा, इस बात से लगाया जा सकता है कि सिद्धू ने तो दर्शनी घोड़ा जैसे शब्द का खुलेआम इस्तेमाल करके कहीं न कहीं कांग्रेस नेतृत्व को इस बात का संकेत दे दिया है कि आपके फैसले से वह भीतर से खुश नहीं है। अब देखना होगा कि सिद्धू चुनाव में अपना वादे को निभा पाते है या फिर भीतर ही भीतर शांत होकर बैठ जाते है।
सिद्धू के इन बातों से नेतृत्व था नाराज
दरअसल, कांग्रेस नेतृत्व हमेशा से नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में सीएम चेहरा नहीं घोषित करना चाहता था। क्योंकि, सिद्धू ने कांग्रेस के खिलाफ जाकर कई बार मोर्चा खोला। सरकार के कार्यकाल दौरान ही अपनी सरकार के कार्य पर निशाना साधा। कई वरिष्ठ कांग्रेसियों ने तो सिद्धू की कई बार लिखित रुप से शिकायत भी की। हाईकमान की बिना इजाजत ही सार्वजनिक स्थल पर पंजाब माडल पेश किया।
इसलिए चन्नी का नाम घोषित किया
प्रदेश में लगभग 32 फीसद दलित मतदाता है। कुछ माह चन्नी सरकार ने हर वर्ग के लिए ऐतिहासिक कार्य किया। दलित वर्ग में चन्नी का अच्छी पहचान है। प्रत्येक धार्मिक स्थल में जाकर हर वर्ग का दिल जीता। कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष अपने अच्छे कार्य को लेकर अपनी अलग पहचान बनाई। इस समय पंजाब कांग्रेस के निर्वतमान मंत्री तथा विधायक चन्नी के साथ खड़े है। इसलिए राहुल-प्रियंका गांधी ने चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किया।