एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू उस वक्त हक्के-बक्के रह गए , जब उनके खास पार्षदों की वार्ड में कम संख्या समर्थकों की देख ली तथा तत्काल उन्हें पांच मिनट के भीतर ही गाड़ियों के काफिले समेत वापस लौटना पड़ा। वाक्यात मंगलवार की सायं अमृतसर के विधानसभा हलका पूर्वी के अधीन वार्ड संख्या-26 की पार्षद मोनिका शर्मा, वार्ड संख्या-27 पार्षद तथा निवर्तमान चेयरमैन दमनदीप सिंह उप्पल का है। जबकि, पार्षद तथा उनके समर्थक इस बात को बिल्कुल नकार रहे है तथा इस बात का तर्क दे रहे है कि सिद्धू साहब के आने का समय छह बजे का था तथा समय से पूर्व एक घंटा पहले आ गए। संकेत , इस बात के भी मिल रहे है कि शायद सिद्धू अपनी लोकप्रियता धीरे-धीरे खो रहे है।
सिद्धू के निकटतम सूत्रों से खबर यह भी सामने आई है कि वह समर्थकों की कम संख्या देखकर काफी चकित रह गए। भीतर ही भीतर उन्हें गुस्सा भी आया। फिर बाद में वार्ड संख्या 27 में एक वरिष्ठ कांग्रेस के आवास पर छह बजे सिद्वू को बुला कर उनके गुस्से को शांत किया गया। वहां की तस्वीरों के मुताबिक, अधिक संख्या में युवा ब्रिगेड इकट्ठा किया गया। वार्ड संख्या 27 के पार्षद तथा चेयरमैन ने जिला के अलग-अलग वार्ड से युवा इकट्ठे किए। जबकि, सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई की कि वार्ड में रहने वाले मतदाता सिद्धू तथा स्थानीय पार्षद से काफी नाराज चल रहे है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पांच वर्ष तक सिद्धू साहब से लेकर उनके लाडले पार्षद दमनदीप सिंह बिल्कुल नजर नहीं आए। अब चुनाव का समय नजदीक है, इसलिए लोगों के बीच जाकर मत मांग रहे है। रिपोर्ट कार्ड मांगने पर इनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। पिछले दिनों सिद्धू को एक इलाके में लोगों ने अपने दरवाजे नहीं खोलकर, अपनी नाराजगी के पूरे संकेत दे दिए थे।
पवन-नगर इलाके का विकास पूर्ण रूप से नहीं करने का स्थानीय पार्षदों पर लोगों द्वारा कई आरोप लगा चुके है। यहां-यहा पर गलियां तथा सड़कों का निर्माण हुआ। वहां पर अब उनके टूटने के भी प्रमाण सामने आने लगा है। इतना ही नहीं, इनका विकास साढ़े चार साल के करीब किया गया, ताकि मतदाता को खुश किया जा सकें। शायद, इन्हें इस बात का बिल्कुल अहसास नहीं है कि मतदाता अब बिल्कुल चौकन्य हो चुका है। सामने आने पर नेता को जरुर उसके समर्थन में मत करने का आशवासन देता है, जबकि अपनी नाराजगी तो मतदान के दौरान निकाल लेता है।
विधानसभा हलका पूर्वी में सिद्धू को मजीठिया से पूरी-पूरी टक्कर मिल रही है। सिद्धू के चिट्टे का जादू इतना खास असर करता दिखाई नहीं दे रहा है। मजीठिया को सिद्धू के गढ़ में वोट बैंक की काफी सेंधमारी कर रहे है। उनकी टीमें भीतर ही भीतर काम कर रही है।
एक ही सीट पर बंध गए सिद्धू
पिछली बार के चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू ने पूरे पंजाब में प्रचार की कमान संभाली थी। अपनी सीट पर पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को सक्रिय किया था। इस बार की परिस्थितियां बिल्कुल प्रतिकूल है। क्योंकि, सिद्धू को इस बार कड़ी टक्कर मिल रही है। इतना ही नहीं, आप प्रत्याशी जीवनजोत कौर तथा भाजपा प्रत्याशी पूर्व आईएएस डाक्टर जगमोहन सिंह राजू भी काफी मतों की सेंधमारी कर रहें हैं। इस कारण की वजह से अब सिद्धू अपनी सीट को बचाने के लिए पूरा-पूरा जोर लगा रहे है।
सिद्धू के लाडले पार्षदों के प्रति भी मतदाता की खास नाराजगी
नवजोत सिंह सिद्धू के लाडले पार्षद मोनिका शर्मा तथा दमनदीप सिंह के प्रति उनके क्षेत्र के अधीन मतदाता की खास नाराजगी चल रही है। लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में विकास नहीं किया गया। फोन पर पार्षद साहब से बातचीत तक नहीं होती रही है। अब चुनाव के दौरान उनके पास आकर मुलाकात कर रहे है। साढ़े चार वर्ष तक इन्होंने कभी चेहरा तक नहीं दिखाया। विकास हुआ न बराबर के है।कई टकसाली छोड़ चुके कांग्रेसनवजोत सिंह सिद्धू के खास रह चुके टकसाली कांग्रेसी उन्हें छोड़कर शिअद में शामिल हो गए। उनके आवास के बाहर साफतौर पर बिक्रम मजीठिया का होर्डिंग लगा है। जिन रुठे कांग्रेसियों को सिद्धू मनाने का दावा कर रहे है। उनके साथ खुद के अपने मतदाता ही नहीं है। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए इस रणभूमि को जीत पाना इतना आसान नहीं लग रहा है।
सिद्धू को हराने में सभी पार्टियां एकजुट
इस बार नवजोत सिंह सिद्धू को हराने के लिए हर राजनीतिक दल ऐडी चोटी का जोर लगा रहा है। क्योंकि , सिद्धू को सबसे बड़ी चुनौती तो उनके पार्टी के कई नेताओं से मिल रही है। वे चुपचाप बैठे है तथा अन्य राजनीतिक पार्टियों के सांठगांठ करके सिद्धू को हराने का पूरा-पूरा खाका तैयार कर लिया। पता चला है कि मजीठिया को सिद्धू के खिलाफ खड़ा करना एक सोची-समझी राजनीति साजिश थी। इस प्लान पर एक राजनीति पटकथा तैयार की गई। फिर अंत में उसे अंजाम दिया गया।