एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/ चंडीगढ़।

प्रदेश की सत्ता में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद पंजाब पुलिस काफी सतर्क हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, अब पंजाब के पुलिस के बड़े अधिकारी भी मैदान में उतर कर नशे के खिलाफ हल्ला बोल का अभियान चला चुके हैं। नशे तस्कर यहां पर तो भाग चुके हैं या फिर इस धंधे को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि, पुलिस का डंडा, उन्हें रात को सपने में भी सताने लगा हैं। फिलहाल, पंजाब की धार्मिक राजधानी अमृतसर में नशा बेचने वालों के खिलाफ जमीनी स्तर पर पुलिस ने नई रणनीति के तहत एक अभियान छेड़ा हैं।

शनिवार को पंजाब के एडीजीपी डॉक्टर नरेश अरोड़ा के नेतृत्व में अमृतसर पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह, डीसीपी मुख्विंदर सिंह भुल्लर, डीसीपी ला एंड आर्डर परमिंदर सिंह भंडाल, डीएसपी (डी) रशपाल सिंह एवं 450 जवानों की बदौलत, शहर संदिग्ध क्षेत्र मकबूलपुरा के इर्द-गिर्द गलियों में छापेमारी हुई। पुलिस ने सर्च अभियान दौरान 30 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। फिलहाल, किसी प्रकार का संदिग्ध सामान हासिल होने की पुष्टि नहीं की गई। गहनता से उनके साथ पुलिस ने पूछताछ की। क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों की शर्त पर उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि छोड़ा, इस शर्त पर गया है कि उक्त संदिग्धों ने पुलिस एवं जिम्मेदार लोगों के समक्ष वचन दिया है कि भविष्य में फिर से कोई गलत काम नहीं करेंगे।
15 जगह लगा नाका
पुलिस के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस अभियान के दौरान शहर के 15 जगह नाका लगाया गया। नाका दौरान पुलिस एवं स्पेशल कमांड के जवान भी उपस्थित रहें। उनके हाथ में अत्याधुनिक हथियार भी थे। प्रत्येक वाहन की तलाशी से लेकर दस्तावेज चेक किए गए। सूत्रों से पता चला है कि कुछ संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई। फिलहाल, इस बारे पुलिस ने कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की।
1 माह में एडीजीपी का दूसरा दौरा
एडीजीपी पंजाब डॉक्टर नरेश शर्मा का 1 माह के भीतर दूसरा दौरा हैं। इससे पूर्व तरनतारन के गिरजाघर में हुई तोड़फोड़ को लेकर अमृतसर पहुंचे थे। सभी गिरजाघर एवं कुछ धार्मिक स्थलों का दौरा कर , वहां शांति बनाए रखने तथा कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा की थी। उक्त दौरे के दौरान हालात में तेजी से सुधार आ गया था।