ईडी का छापा— रियल एस्टेट कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की और करोड़ों रुपये की संपत्ति अटैच

सएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पंजाब में अलग-अलग स्थानों में रियल एस्टेट कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की और करोड़ों रुपये की संपत्ति अटैच की है। साथ की कारोबारियों के बैंक खाते भी सीज किए हैं। ईडी ने निवेशकों से ठगी करने के आरोप में रियल एस्टेट फर्मों की 147.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ अंचल कार्यालय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है। इसमें गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (जीबीपीपीएल) के निदेशक सतीश गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और उनके सहयोगी अनुपम गुप्ता और नवराज मित्तल के बैंक खाते सीज किए गए हैं।

लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई  
लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है। इसमें गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (जीबीपीपीएल) के निदेशक सतीश गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और उनके सहयोगी अनुपम गुप्ता और नवराज मित्तल के बैंक खाते सीज किए गए हैं। लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि कंपनी ने खरीदारों से कुल 478 करोड़ रुपये वसूले। उन्होंने फ्लैट, प्लॉट, कामर्शियल स्पेस देने का वादा कर खरीदारों को ठगा। फर्म ने न तो निवेशकों को संपत्तियों का कब्जा दिया और न ही उनका पैसा वापस किया।जीबीपीपीएल ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया। जालसाजी के माध्यम से यह पैसा विभिन्न चल और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया, जो अपराध की आय है। बहरहाल ईडी ने संबंधित संपत्तियों को अटैच कर लिया है। इससे पहले ईडी ने मामले में शामिल व्यक्तियों के विभिन्न परिसरों में तीन जून 2022 को ली गई तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और चल संपत्तियां जब्त की थीं। इसमें 85 लाख नकद और एक लग्जरी कार भी शामिल थी।

बैंक खाते शामिल 
अटैच की गई संपत्तियों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में वाणिज्यिक संस्थान, आवासीय घर, कृषि भूमि और बैंक खाते शामिल हैं। ईडी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी ने चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस की ओर से रियल एस्टेट कंपनी जीबीपीपीएल के निदेशकों और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि कंपनी ने खरीदारों से कुल 478 करोड़ रुपये वसूले। उन्होंने फ्लैट, प्लॉट, कामर्शियल स्पेस देने का वादा कर खरीदारों को ठगा। फर्म ने न तो निवेशकों को संपत्तियों का कब्जा दिया और न ही उनका पैसा वापस किया।


संबंधित संपत्तियों को अटैच
सूत्रों ने खुलासा किया है कि जीबीपीपीएल ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया। जालसाजी के माध्यम से यह पैसा विभिन्न चल और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया, जो अपराध की आय है। बहरहाल ईडी ने संबंधित संपत्तियों को अटैच कर लिया है। इससे पहले ईडी ने मामले में शामिल व्यक्तियों के विभिन्न परिसरों में तीन जून 2022 को ली गई तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और चल संपत्तियां जब्त की थीं। इसमें 85 लाख नकद और एक लग्जरी कार भी शामिल थी।

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