
नितिन धवन.वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.चंडीगढ़।
दिवंगत विश्व विख्यात पंजाबी सिंगर सिद्वू मूसेवाला हत्याकांड में एसएनई न्यूज ने अपने खास पत्रकारों की बदौलत एक स्पेशल रिपोर्ट को तैयार किया। इस रिपोर्ट में अभी-अभी पुलिस के उच्च पदस्थ विश्वसनीय सूत्रों से पुख्ता आधार पर पता चला है कि इस केस का मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ही था। तिहाड़ जेल में इस हत्या की वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी। कहने का भाव तिहाड़ जेल में खेल भूना गया था। सेफ जगह पर हुई गैंगस्टर से पूछताछ में पुलिस के समक्ष गैंगस्टर ने बड़े राज उगले हैं। बयान को साथ-साथ जांच टीम ने रिकॉर्ड कर लिया। कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोलड़ी बराड के जीजा होशियारपुर जेल में बंद गोरा, तिहाड़ जेल में बंद जग्गू भगवानपुरिया के इशारे पर शार्प शूटरों ने ही सिद्वू मूसेवाला की हत्या को अंजाम दिया था। फंडिंग तथा अत्याधुनिक हथियार कनाडा में बैठे गोलडी बरामद ने उपलब्ध कराए थे। इस पर जांच एजेंसियों ने अपना पूरा फोकस करना शुरू कर दिया। फिलहाल , अभी सिद्वू मूसे वाला हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियार अब तक हासिल नहीं हुए। लेकिन, जांच टीम इस बात का दावा कर रही है कि वह जल्द ही हथियार बरामद कर लेगी।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने पुलिस समक्ष , यह बात भी कबूल कर ली है कि पवन बिश्नोई एवं नसीब ने ही अत्याधुनिक हथियारों को सिद्वू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल किया था। बड़ी बात यह भी सामने आई है कि इन हथियारों को चलाने में, इन्होंने पहले ट्रेनिंग ली थी। इसलिए, हत्या के समय , इन्होंने अपना निशाने को एकदम सटीक रखा था। बताया जा रहा है कि हत्या के दौरान लगभग 30-35 बार गोलियां चलाई गई। गोलियां सीधे सिद्वू मूसेवाला के शरीर को लगीं थी। सिर तथा पेट पर गोली लगने की वजह से ही मूसेवाला की अस्पताल में इलाज दौरान मौत हो गई। पता चला है कि एन-94 रुस मेड हथियार हैं। यह हथियार, इतना शक्तिशाली है कि इसकी पावर एके-47 से दोगुना हैं। सवाल खड़े हो रहे है कि रूस निर्मित हथियार , पंजाब में कैसे , इन शूटरों के पास आ गया। किन-किन लोगों ने इन्हें उपलब्ध कराया।
पुलिस पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने इस बात को भी कबूला है कि यह हथियार सरहद पार से आए थे। इसे पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के माध्यम से सरहदी गांव में छोड़ा गया था। किसके पास, इतने दिन हथियारे रहें, इस बात के एंगल को लेकर पुलिस गैंगस्टर से पूछ कर पता लगा रही हैं, ताकि उसे भी इस केस में नामजद करके गिरफ्तार किया जा सकें। पूछताछ में कई कड़िया जुड़ रही है। पिछले दिनों एक मीडिया हाऊस ने इस केस के पीछे आईएसआई का हाथ होने का दावा किया था। अब लगता है कि यह दावा भी पूछताछ दौरान सही साबित हो रहा हैं। क्योंकि , ड्रोन की बात सामने आने पर, इस बात का पुख्ता सबूत मिल जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का भी इस केस में कहीं न कहीं हाथ लग रहा हैं।
यह पूछे गए गैंगस्टर से सवाल…जानिए, इस रिपोर्ट में सब कुछ..
1) प्रश्न- सिद्वू मूसेवाला की हत्या क्यों करवाई गई
उत्तर-मूसेवाला को अपने गैंग के प्रति गाना बोलने के लिए कहा गया, लेकिन, उसने इंकार कर दिया। उसके मैनेजर शुगन का हमारे दोस्त मिड्डुखेड़ा की हत्या में हाथ था, जबकि, उसे भागने में मूसेवाला ने मदद की। हमें, इस बात का मालूम हुआ तो तब से योजना बना ली गई कि मूसेवाला को मौत के घाट उतार देने का।
2) प्रश्न-इस हत्याकांड में कौन-कौन शामिल रहा
उत्तर..हत्याकांड की साजिश जनवरी 2022 में तिहाड़ जेल में ही भून ली गई थी। शार्प शूटरों की जिम्मेदारी गोलड़ी बराड़ को जिम्मेदारी दी गई। गोलड़ी बराड़ ने शार्प शूटरों का प्रबंध, फंडिंग तथा हथियारों की उपलब्धता कराई। सब काम एक ऐप के माध्यम से किया गया। मौके की तलाश में थे, मौका मिला तो हत्या को अंजाम दे दिया गया।
3) प्रश्न-जग्गू भगवानपुरिया एवं अन्य किन-किन का क्या रोल था
उत्तर–तिहाड़ जेल में बंद माझा का बड़ा गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया भी साथ था। हम दोनों की आपस में कुछ समय पहले दोस्ती हो गई। इस केस में जग्गू भगवानपुरिया ने अहम रोल निभाया। उसने अपने एक गुर्गें तथा नामवर गैंगस्टर सारज की ड्यूटी लगाई कि कारों को उपलब्ध कराए , जो कि उन्होंने अपने बेहद करीबी लड़कों की ड्यूटी लगाकर पूरा किया। भाऊ ने भी कारों का जखीरा ऑरेंज किया था।
4) प्रश्न—हत्या को अंजाम देने वालों शूटर कौन-कौन थे…किन-किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया
उत्तर….हत्या को अंजाम देने के लिए पहले शार्प शूटर दिल्ली के शाहरुख खान को भेजा गया था। मूसेवाला के यहां एक-47 लेकर खड़े सुरक्षा कर्मी थे। वहां से वापस लौट आया। दिल्ली की स्पेशल सेल ने किसी केस में शाहरुख खान को गिरफ्तार करने के उपरांत हुई पूछताछ में मूसेवाला की हत्या करने की योजना को बता दिया था। उसके उपरांत पवन बिश्नोई एवं नसीब को हत्या वाले दिन भेजा गया। इन्होंने ने ही मूसेवाला की हत्या की। एन-94 कहां से आया है किन्होंने उपलब्ध कराया, इस बारे कोई जानकारी नहीं हैं।
जांच टीम का अगला कदम क्या रहेगा..जानिए , इस खास रिपोर्ट में….
सिद्वू मूसे वाला हत्याकांड में अब विशेष जांच दल टीम के साथ-साथ अन्य एजेंसी, इस केस में चल रहे कुछ फरार कथित अपराधियों को ढूंढने का प्रयास रहेगा। पांच राज्य की पुलिस पहले से ही मुस्तैद हैं। लेकिन, सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि इनमें कुछ कथित अपराधी देश छोड़ कर फरार हो गए। उसके लिए इंटरपोल पोल की मदद भी ली जा सकती हैं, ताकि किसी पड़ोसी देश से उनका पता लगाकर वापस भारत में उनका प्रत्यर्पण किया जा सके।
जग्गू-गौरा-लॉरेंस बिश्नोई को आमने-सामने बैठा कर किए जाएंगे सवाल
सूत्रों से पक्की खबर मिली है कि अब जांच टीम एवं अन्य एजेंसी लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू, गौरा तीनों को एक साथ बैठाकर आमने-सामने सवाल करेंगे। इन सवालों के उत्तर से ही इस केस के साथ जुड़े कई तथ्य एवं प्रमुख जानकारियां सामने आएगी। इसी के आधार पर केस को पूर्ण रुप से सुलझाया जाएंगा। फिलहाल, इस केस के साथ जुड़ी कई अहम जानकारियां के पीछे का पर्दा खोलना अभी शेष हैं।