वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.नितिन धवन.चंडीगढ़।सत्ता बदलते ही पंजाब की पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल के 4 मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में पूरी तरह से घिर चुके हैं। इनमें पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। पूर्व वन मंत्री संगत सिंह गिलजियां की तलाश है। पूर्व पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। वहीं, अब फूड सप्लाई डिपार्टमेंट में टेंडर को लेकर पूर्व फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु रडार पर आ गए हैं। संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव से पहले की यह कार्रवाई एक प्रकार से कांग्रेस के लिए चिंता बन गई है।
साधु सिंह धर्मसोत
धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में वन मंत्री रह चुके हैं। उन पर आरोप है कि एक पेड़ कटाई के बदले 500 रुपए की रिश्वत ली। करीब साढ़े 8 साल में उन्होंने सवा करोड़ इससे कमाए। विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के बदले भी 4 से 20 लाख तक की रिश्वत वसूली गई। विजिलेंस ब्यूरो ने पहले गिरफ्तार ठेकेदार हामी और जंगलात अफसर के बयान के बाद धर्मसोत को गिरफ्तार कर लिया। अभी वह पुलिस रिमांड पर हैं।
संगत सिंह गिलजियां
कैप्टन की जगह चरणजीत चन्नी सीएम बने तो धर्मसोत को कैबिनेट से हटा दिया गया। उनकी जगह संगत सिंह गिलजियां जंगलात मंत्री बने। उन पर आरोप है कि ट्री-गार्ड की खरीद-फरोख्त में करीब सवा 3 करोड़ का घोटाला हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो उनकी तलाश कर रही है।
तृप्त राजिंदर बाजवा
तृप्त राजिंदर बाजवा पर चुनाव नतीजे आने के बावजूद फाइल पर साइन कर 28 करोड़ घोटाले का आरोप है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि अमृतसर की जीटी रोड स्थित 41 एकड़ पंचायती जमीन में घोटाला हुआ। इसके लिए सरकार ने जांच कमेटी बना दी है। बाजवा ने कहा कि इसकी जांच हाईकोर्ट के जज से करवाई जानी चाहिए।
भारत भूषण आशु
आशु पर 2 हजार करोड़ के टेंडर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है। विजिलेंस इसकी जांच कर रही है। आशु पर छोटे ठेकेदारों ने आरोप लगाए थे कि पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर में गड़बड़ी की गई। छोटे ठेकेदारों को नजरअंदाज कर 20-24 लोगों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि, आशु का कहना है कि यह टेंडर डीसी की अगुवाई वाली कमेटियां अलॉट करती हैं। उनके खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं।