वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
मुआवजा, एमएसपी और कर्ज माफी को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान पंजाब भर में रेलवे लाइनों पर बैठे हुए हैं। रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद 90 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। वहीं शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम 8 घंटे तक जाम करके रखा। किसान मोहाली के लालड़ू में चंडीगढ़ से अंबाला जाने वाले हाईवे पर बैठ थे। पुलिस के रूट डायवर्ट करने के बाद भी लोग परेशान हुए। कई घंटों तक वे जाम में ही फंसे रहे।
शुक्रवार को समराला व फरीदकोट में भी रेल रोको आंदोलन शुरू हुआ। वहीं संगठनों ने ऐलान किया है कि शनिवार को अंबाला में भी रेल रोको आंदोलन शुरू होगा। 23-24 अक्टूबर को किसानी दशहरा मनाया जाएगा। पूरे देश में मोदी सरकार व कॉर्पोरेट घरानों के पुतले जलाए जाएंगे।
ये है किसानों की मांगें
घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बनने वाली अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध को पक्का किया जाएगा।
बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़, फसलों के खराब होने का मुआवजा 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए।
किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन 5 एकड़ तक की शर्त को हटाया जाए।
बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जाए।
बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाया जाए।
बाढ़ के कारण गिरे मकान मालिकों को मुआवजा दिया जाए।
बरसात के बाढ़ के कारण टूटी हुई इलाके की सड़कों को तुरंत ठीक किया जाए।