किसान नेता किन-किन राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर, पढ़े….इस खबर में…..?

किस राष्ट्रीय पार्टी ने लगाए आरोप–किसानों ने की लोकतंत्र की हत्या

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

किसान कचहरी के बाद पंजाब के 32 किसान संगठन अब भाजपा, शिअद और आम आदमी पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने किसान संगठनों पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने उगराहां को अनुशासित किसान संगठन बताया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने भी उगराहां के बयान का स्वागत किया है। आम आदमी पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने किसान नेताओं से चुनाव लड़ने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।

पिछले दिनों पंजाब के 32 किसान संगठनों ने किसान कचहरी (अदालत) लगाकर सख्त लिहाजे से चेतावनी देते राजनीतिक संगठनों को चुनाव प्रचार पर रोक लगाने को कहा था। इस दौरान किसान नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर सियासी दल चुनावी रैलियां जारी रखेंगे तो वह उनका विरोध करेंगे। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने बयान दिया कि कृषि कानूनों के लिए सिर्फ भाजपा ही जिम्मेदार है, इसलिए सिर्फ भाजपा का ही विरोध किया जाए। भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल ने इस बयान के बाद उगराहां किसान संगठन को अनुशासित बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अन्य संगठन आंदोलन की आड़ में लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हैं। शिअद नेता महेश इंदर ग्रेवाल ने भी उगराहां किसान संगठन के बयान का स्वागत किया है।

किसान नेता चुनाव लड़ेंगे या नहीं: चीमा
नेता प्रतिपक्ष और आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने किसान संगठनों से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि किसान नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किसान चुनाव लड़ेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि आप हमेशा से ही किसानों के साथ थी, है और रहेगी।

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