वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.नितिन धवन.चंडीगढ़।
पंजाब पुलिस की हिरासत में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस ने बड़ा खुलासा करते हुए अपने साथी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के ठिकानों की जानकारी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, गोल्डी उर्फ सतिंदरजीत सिंह बराड़ इस वक्त कनाडा में है। गोल्डी के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुका है। हालांकि, लॉरेंस द्वारा बताया पता कितना सही हैं, इसके बारे में पुलिस जांच में जुट गई हैं।
इसी बीच यह भी खुलासा हुआ है कि मूसेवाला को पंजाब विधानसभा चुनाव के वक्त ही कत्ल करने की साजिश थी। तब 4 लोग मानसा के गांव रल्ला में ठहरे थे। यह वहीं 4 शार्प शूटर हो सकते हैं। पुलिस ने इन्हें ठहराने वाले गैंगस्टर मनमोहन सिंह मोहना को प्रोडक्शन वारंट पर लिया है।
कौन हैं मोहना, कितना बड़ा खतरनाक है अपराधी..जानिए, इस खास रिपोर्ट में…..?
जिस गैंगस्टर मनमोहन मोहना को पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाई है, वह इस वक्त कत्ल केस में मानसा जेल में बंद हैं। वह ट्रक यूनियन का प्रधान भी रह चुका है। पहले वह कबड्डी खिलाड़ी था। उसने ही मूसेवाला के गांव मूसा से पंजाब और हरियाणा की तरफ भागने की तमाम रूट की जानकारी शार्प शूटर को दी। अब पुलिस उसे लॉरेंस के सामने बैठाकर पूछताछ करेंगी। बताया जा रहा है कि मोहना के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

जनवरी में आए थे बदमाश, गैंगस्टर शाहरुख ने भी किया था खुलासा
पुलिस जांच के मुताबिक जनवरी में 4 बदमाश मानसा पहुंचे थे। यह चारों मोहना के घर ठहरे थे। तब मोहना ने भी चुनाव के वक्त मूसेवाला की रेकी की थी। यह चारों बदमाश भी अलग-अलग वक्त पर मूसेवाला को देखने गए थे। हालांकि, उस वक्त चुनाव में मूसेवाला को एक पायलट और 10 कमांडो मिले हुए थे। इसलिए, उन्हें ,सिद्धू मूसे वाला को गोली मारने का मौका नहीं मिला। लॉरेंस गैंग को लगता था कि मूसेवाला चुनाव जीत गया तो फिर उसे पक्की सुरक्षा मिल जाएगी और मारना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए. उनका टारगेट चुनाव से पहले ही मौत के घाट का उतारने का था। इससे पूर्व, दिल्ली पुलिस के पकड़े गैंगस्टर शाहरुख ने भी कहा था कि मूसेवाला को कत्ल करने गए थे। वहां एके-47 वाले कमांडो देख वह लौट आए।
रंजिश पहले से थी, मिड्डूखेड़ा के कत्ल के बाद बढ़ी एक्टिविटी
मूसेवाला से लॉरेंस ग्रुप की रंजिश पहले से थी। मूसेवाला उनके कहने पर नहीं चलता था। लॉरेंस ग्रुप ने उसे कुछ कार्यक्रमों में जाने से रोका था। हालांकि मूसेवाला ने उनकी बात नहीं मानी। लॉरेंस ग्रुप को शक था कि वह कार्यक्रम बंबीहा ग्रुप के समर्थन वाले हैं। हालांकि तब तक सिर्फ धमकी तक मामला सीमित था। हालांकि जब मोहाली में विक्की मिड्डूखेड़ा का कत्ल हुआ तो उसके बाद लॉरेंस ग्रुप की एक्टिविटी बढ़ गई। सिग्नल एप के जरिए लॉरेंस और गोल्डी बराड़ ने कत्ल की साजिश रचनी शुरू कर दी। जिसमें लॉरेंस का भाई अनमोल, बिक्रम बराड़ और सचिन थापन भी शामिल थे। फिर 29 मई को मूसेवाला की हत्या कर दी गई।