वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
केंद्र सरकार द्वारा पारित परिवहन के नए कानूनों को लेकर मंगलवार पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ। परिवहन संबंधी यूनियन के आह्वान पर ईंधन सप्लाई को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। आम-जनता खासा परेशान रही। सुबह पेट्रोल पंप के समक्ष ईंधन भरवाने वालों के लंबी-लंबी कतार लग गई। चूंकि, आम जनता इन कानून के पारित होने पर सहमत दिखी। लेकिन, उनकी परेशानी को लेकर वे लोग सरकार तथा यूनियन पर अपना गुस्सा भी थोप रहे थे। ईंधन की कालाबाजारी जोर शोर से हुई। उन पर लगाम लगाने वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं दिखाई दिया। हैरान करने वाली बात है कि स्थिति को कंट्रोल करने के लिए कोई पुलिस अधिकारी की उपस्थिति नजर नहीं आई। जालंधर में शाम 4 बजे के बाद सभी पेट्रोल पंप आम जनता के लिए खोल दिए गए, जबकि, अमृतसर के पेट्रोल पंपों के हालात काफी बुरा दिखाई दिए। सब्जी तथा फल काफी महंगे बिके। लोगों की दिक्कतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। हड़ताल लंबी जा सकती हैं। कानून वापस लेना कोई आसान कार्य नहीं दिख रहा हैं।
मंगलवार की सुबह पेट्रोल पंप पर लोगों को ईंधन भरवाने की लाईन इतनी लंबी लग गई कि हर कोई उन लाइनों को देख कर तरह तरह के अंदाजा लगाने लग पड़े। किसी को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उन्हें ईंधन की किल्लत से जूझना पड़ सकता हैं। क्योंकि, देश ईंधन की कमी लंबे से लोगों ने कभी देखी नहीं। जमाना सोशल मीडिया का , खबरें चलनी शुरु हुई तो लोगों को इस बात का पता चला कि ईंधन सप्लाई करने वाले परिवहन चालक हड़ताल पर बैठे गए है तथा सप्लाई को पूर्ण रूप से ठप्प कर दिया गया। सुबह से पेट्रोल भरवाने वालों की दोपहर बाद बारी आई। उन्होंने राहत महसूस की, क्योंकि, पेट्रोल के बिना वाहन की जिंदगी अधूरी हैं। उसके बाद पेट्रोल पंप संचालकों ने बाहरी गेट पर रस्सी बांध दी। लोगों को इस बात का संदेश दिया कि उनके पास पेट्रोल का कोटा बिल्कुल समाप्त हैं।
सरकार एवं प्रदर्शनकारियों की लड़ाई के बीच हमेशा ही आम जनता पिसती हैं। ऐसा क्यों..। सवाल उठता है कि यह लोग समाज या फिर देश का हिस्सा नहीं हैं। इन लोगों के मत से देश तथा प्रदेश की सत्ता में कोई भी पार्टी अपनी सरकार बनाते हैं। लेकिन, ये लोग इस बात को बिल्कुल भूल जाते हैं। क्योंकि, उन्हें इस बात का बिल्कुल अहसास नहीं होता हैं।
कानून के समर्थन में आम जनता
कानून के समर्थन में आम जनता हैं। लोगों के मुताबिक, बस चालकों का तेज रफ्तार तथा लापरवाही से चलाना अब बिल्कुल बंद होगा। पिछले दौर में कई बेकसूर लोगों ने लापरवाही से चलाने वाले बस चालकों की वजह से उनके खुद के लोगों ने जान गांवाई। अब इसमें कानून का भय होगा। हम लोग पीएम मोदी द्वारा पारित किए कानून के समर्थन में हैं। लेकिन, समस्या का भी सरकार को निदान करना होगा। पेट्रोल की समस्या को दूर कर उन्हें राहत देनी होगी।