एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
केजरीवाल-मान साहब, इन दिनों पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री बेलगाम होते जा रहे हैं। लगता है उनकी डोर सत्ता के प्रमुख से काफी ढीली होती जा रही हैं। इसलिए, आप के एक मंत्री का नाम पत्रकारों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करने के मामले में सामने आ रहा हैं। पता चला है कि उक्त मंत्री एक डॉक्टर का बेहद करीबी हैं। पुलिस ने झूठा मामला दर्ज करने से मना कर दिया तो बटाला के एक डॉक्टर के कहने पर उसके रिश्तेदार आप मंत्री ने कानून की सरेआम उल्लंघना (सत्ता का दुरुपयोग) करते हुए पुलिस को फर्जी कहानी बनाकर बुरी तरह से पत्रकारों को फंसाने के लिए अपनी सत्ता का दबाव डाला। यहां पर सवाल, इस बात का उठता है कि अब केजरीवाल साहब, भगवंत मान का दावा आम जनता को इंसाफ दिलाने को कहा पर स्टैंड करता हैं। क्या, इस प्रकरण के उपरांत आप के सब दावे हवा में छूमंतर हो गए।
पिछले दिनों एक डॉक्टर के बयान पर पत्रकारों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गई थी। उस मामले में एक बड़ा सच सामने आया हैं। सूत्रों की जांच पड़ताल में एक बड़ी बात सामने आई है कि एक डॉक्टर की जब पैसे खिलाने के उपरांत पुलिस में बात नहीं बनी तो उसने आम आदमी पार्टी के एक मंत्री का सहारा लिया। मंत्री एक डॉक्टर का बेहद करीबी रिश्तेदार हैं। उसके रिश्तेदार के समक्ष गुहार लगाई तो मंत्री जी ने अपनी सत्ता का दुरुपयोग करते हुए पत्रकारों के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारियों को फोन घुमाया। जिसके उपरांत मामला दर्ज कर लिया गया।
बड़ा सवाल
यहां पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आप की सरकार के मंत्रियों की लगाम क्यों नहीं केजरीवाल तथा भगवंत मान नहीं खींच रहे हैं। सवाल खड़ा होता है कि क्या उन पर भी कोई बड़ा दबाव है या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा हैं। इन सवालों एक बड़ा रहस्य है, जिसका जवाब तो आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को ही देना हैं।