खेहरा केस में आया नया मोड़—-बेटे (मेहताब) का खुलासा….पापा (सुखपाल खेहरा) बिल्कुल बेकसूर….विदेश से आया एक लाख डॉलर आप के नेताओं का….आप नेताओं से हो सकती है पूछताछ

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा के बेटे मेहताब ने बड़ा खुलासा करते हुए आप नेताओं पर निशाना साधा। कहा कि इस मामले में मेरे पापा सुखपाल खेहरा बिल्कुल बेकसूर है, जबकि विदेश से हुई एक लाख डॉलर की फंडिंग आप नेताओं की थी। शुक्रवार को मोहाली कोर्ट में खेहरा को पेश किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को खैहरा को गिरफ्तार किया था। चंडीगढ़ स्थित ईडी कार्यालय में खैहरा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां से उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने आरोप लगाया था कि खैहरा ड्रग्स मामले के दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेटरों के सहयोगी हैं।


 मोहाली जिला अदालत में कोर्ट परिसर के बाहर मेहताब ने कहा कि ईडी द्वारा विदेशों से फंडिंग का सवाल उठाया जा रहा है। जहां तक फंडिंग की बात है तो उसका उनके पिता से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने आदमी पार्टी के सीनियर नेताओं के नाम बोलकर कहा कि उनसे इस बारे में सवाल पूछा जाना चाहिए। सारा फंड आप को गया है। पूरी दुनिया जानती है कि विदेशों से फंडिंग जुटाने के लिए किस तरह विदेशों में आप ने प्रोग्राम किए थे। बाकायदा निमंत्रण तैयार किए गए थे। एक लाख डॉलर फंडिंग के रूप में जुटाया गया। इस संबंधी सारा रिकॉर्ड ईडी को पेश कर आए हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के नेताओं से पूछताछ होनी चाहिए।


कोर्ट परिसर में मीडिया से बातचीत में मेहताब ने कहा कि उनके पिता को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। यह केस राजनीति से प्रेरित हैं। अभी तक उनके पिता की गिरफ्तारी का ग्राउंड ईडी न तो कोर्ट में बता पाई है और न ही अभी तक उन्हें बताया है। उनका परिवार पचास साल से जनता की सेवा में समर्पित है। उनके पिता ने हमेशा पंजाब का भला चाहा है। चाहे वह किसानों का संघर्ष का हो या कोई और मुद्दा हो या दिल्ली में पंजाब के लड़के में मुंह पर गोली मारने का। उस मामले को अंजाम तक उनके पिता ने पहुंचाया। इसके अलावा एक अन्य जगह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर पंजाब के युवाओं को जेल में डाला जा रहा था। उस समय भी उनके पिता ने अहम रोल निभाया।


दोषियों को सजा होने के बाद पापा को भेजे सम्मन


मेहताब खैहरा ने बताया कि उनके पिता के खिलाफ यह झूठा केस  अकाली दल की सरकार के समय साल 2015 में दर्ज किया गया था। यह एनडीपीएस का केस था। उनके हलके का एक कांग्रेसी वर्कर फाजिल्का बॉर्डर एरिया से अरेस्ट किया गया था। इस केस का दो साल ट्रायल चलने के बाद आरोपियों को सजा हुई। यह सारी प्रक्रिया राजनीति से प्रेरित थी। इसके बाद ईडी ने 319 में समन किए गए। वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में कुछ राहत दी। फिर सुप्रीम कोर्ट गए तो शीर्ष अदालत ने केस पर स्टे लगा दी। 2021 में ईडी ने हमारे घर में रेड की। यह रेड गैर कानूनी थी। उन्होंने बताया कि ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रेड की।


पासपोर्ट के बारे में साफ की जाए स्थिति


मेहताब ने बताया कि जब मार्च में ईडी की तरफ से रेड की गई थी तो उस समय  प्रेस रिलीज की गई। उस समय जाली पासपोर्ट का केस बताया था। लेकिन जब केस दर्ज हुआ तो उस पासपोर्ट का जिक्र तक नहीं किया गया। हमें यह अभी तक साफ नहीं किया गया कि पासपोर्ट किसके थे। हमने जाली पासपोर्ट बनाया था या किसी को बनाकर दिया था। इन्वेस्टिगेशन में भी इस संबंध में कोई सवाल नहीं किया। 

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