वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को अदालत ने जेल भेज दिया। इससे पूर्व 2 दिन की पुलिस की न्यायिक हिरासत समाप्त होने के उपरांत देर सायं अदालत में पेश किया गया। खैहरा के खिलाफ तस्करी के मामले में जलालाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जांच-पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ कि खैहरा के तस्कर के साथ संबंध थे तथा पुलिस के 2 बड़े अधिकारियों को उनकी मदद करने के लिए भी बोला था। इस बात का प्रमाण फोन की आपसी बातचीत में हुआ।
क्या था पूरा प्रकरण
वर्ष 2015 में सुखपाल सिंह खैहरा के बहुत करीबी साथी तस्कर (एक नेता) गुरदेव सिंह सहित लगभग आधा दर्जन को करोड़ों की हेरोईन, ड्रग मनी सहित गिरफ्तार किया था। जांच-पड़ताल में इनके तार पाकिस्तान साथ जुड़े थे। फिर पुलिस ने इनके मोबाईल काल से पता किया तो उसमें खैहरा के साथ इनकी आपसी बातचीत भी सामने आई। हालांकि, खैहरा हमेशा अपने ऊपर लगे आरोप को सिरे से खारिज करते रहे हैं।
एजेंसी ने भी पकड़ा था
कुछ समय पूर्व खैहरा को केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में पकड़ा था। एजेंसी ने भी तस्करों के साथ खैहरा के आपसी संबंध होने की बात का पता लगाया था। उनके पास इस बात के पक्के प्रमाण लगे थे। देश की उच्च न्यायालय से खैहरा को जमानत मिली थी।
बड़ा सवाल, इतने साल बाद क्यों खुला मामला
कुछ जानकार, इस मामले को लेकर राजनीति से भी जोड़ रहे हैं, उनके मुताबिक, अगर तब टीम के पास सबूत थे तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इतने वर्ष बाद पुलिस कार्रवाई होना, इस बात का संकेत देता है कि कहीं न कहीं मामला राजनीति से जुड़ रहा हैं। इस मामले में खैहरा को अदालत में जमानत भी जल्द मिल सकती हैं। सूत्रों से इस बात का भी पता चला है कि सीएम मान खुद इस मामले को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि, खैहरा ही नेता है जो मान के खिलाफ बेझिझक बोलते हैं।