जट्ट सिख बिरादरी का पंजाब की राजनीति में अहम रोल….सीएम की कुर्सी पर हमेशा सजा ताज

एसएनई न्यूज.चंडीगढ़।

पंजाब की राजनीति में जट्ट सिख बिरादरी का काफी महत्वपूर्ण रोल रह चुका है। लिहाजा पंजाब में जट्ट सिख बिरादरी के एक चेहरे पर ही सीएम कुर्सी का ताज सजा है। पंजाब में जट्ट सिख बिरादरी 20 फीसद, 38 फीसद हिंदू, 32 फीसद दलित बिरादरी है, जबकि 20 फीसद की हौंद रखने वाली जट्ट सिख बिरादरी का पंजाब की सिय़ासत में अहम रोल रहा है।

पंजाब की राजनीति तीन क्षेत्र में बंटी हुई। इनमें माझा , दोआब, मालवा है। माझा में 25 विधानसभा क्षेत्र, दोआब में 23 विधानसभा क्षेत्र तथा मालवा में 69 विधानसभा क्षेत्र है। राजनीतिक जानकार हमेशा से ही मानकर चलते आए है कि जिस राजनीतिक पार्टी ने मालवा को जीत लिया, समझ लो, उसकी पंजाब में सरकार बनना लगभग तय है।

वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा की बात करें तो कांग्रेस को मालवा में सबसे अधिक सीटें मिली थी। इसी वजह से कांग्रेस को पंजाब में सरकार बनाने का अवसर मिला। हालांकि, माझा, मालवा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। इस बार के राजनीतिक समीकरण कुछ अलग दिखाई दे रहे है, क्योंकि कांग्रेस में अब बड़ा चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं है। उन्होंने अपनी पंजाब लोक दल कांग्रेस पार्टी बना ली है तथा भाजपा के साथ अगले चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया।

कैप्टन इस बात का भी दावा कर रहे है कि टिकट आवंटन के दौरान कांग्रेस के कई बड़े चेहरों की टिकट कट सकती है। वे लोग उनकी पार्टी में शामिल हो सकते है। अनुमान, इस बात का भी लगाया जा रहा है कि कैप्टन की पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने की वजह से , उन्हें जीत भी दिखाई दे रही है। वैसे भी, पंजाब की राजनीति में कैप्टन का कद काफी ऊंचा है। पंजाब कांग्रेस के कई विधायक मंत्री, कैप्टन के साथ अच्छे ताल्लुकात रखते है। उन्हें भी इस बात का इंतजार है कि कब पार्टी टिकट आवंटन का काम शुरु करती है।

अफवाहों का बाजार , इस बात को लेकर भी गर्म है कि नवजोत सिंह सिद्वू वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के टिकट आवंटन के प्रमुख सदस्य है। उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया है कि इस बार कई विधायक तथा मंत्रियों की टिकट कट सकती है तथा कई नए चेहरों को अवसर मिल सकता है। फिलहाल, इस बारे कुछ कहने से पहले कांग्रेस की रणनीति का इंतजार करना होगा। क्योंकि, जब तक टिकट आवंटन नहीं हो जाती है, तब तक राजनीति में किसी प्रकार का कयास लगाना ठीक नहीं हो सकता है।

पंजाब की राजनीति में होगा कैप्टन का अहम रोल

यह तो बात बिल्कुल साफ हो चुकी है कि कैप्टन ने कांग्रेस को हराने में पूरा मन बना लिया। लिहाजा, पंजाब की राजनीति में कैप्टन का अहम रोल हो सकता है। कैप्टन, भाजपा, सुखदेव सिंह ढींढसा की (शिअद) पंजाब में इकट्ठे होकर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे है। मालवा क्षेत्र में कैप्टन तथा ढींढसा का राजनीति में काफी कंट्रोल है। उस क्षेत्र में अगर ये दोनों मतदाताओं को लुभाने में सफल हो गए तो पंजाब की राजनीति में तस्वीर कुछ अलग होगी।

दोआब-माझा में भाजपा रहेगी सक्रिय

दोआब-माझा में भाजपा की शहरी क्षेत्रों में काफी अच्छी पकड़ है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शहरों में अच्छा प्रदर्शन किया। खासकर, दोआब के क्षेत्र में भाजपा ने कुछ सीट जीतने में सफलता भी हासिल की। इस बार भी भाजपा की कोशिश रहेगी कि कैसे शहरी मतदाता को अपनी तरफ कर सके।

क्योंकि , पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापिस लेकर काफी हद तक भाजपा का पंजाब में काम आसान कर दिया। अब , इस सुनहरी अवसर को भाजपा अपने हाथ से भी नहीं जाने दे सकता। वह चुनाव में इसका फायदा लेने की पूरी कोशिश करेगी। 

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