एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
परिवहन ट्रांसपोर्ट माफिया को खत्म करने की पंजाब परिवहन विभाग के मंत्री राजा वडिंग की मुहिम को उस समय बड़ा धक्का लगा, जब पंजाब हरियाणा उच्च-न्यायालय की डबल खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए, जब्त की गई बसों को तुरंत छोड़ने का फैसला दे दिया। इसके साथ ही पंजाब सरकार तथा परिवहन विभाग के मंत्री राजा वडिंग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।
अब देखना होगा, पंजाब सरकार तथा परिवहन विभाग सरकारी अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में क्या दलील पेश कर पाती है। दरअसल, ऑर्बिट बस एविएशन के परमिट खत्म होने की वजह से पंजाब परिवहन मंत्री राजा वडिंग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए, इनकी कई बसों को जब्त कर लिया था।
उसके बाद कंपनी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का सहारा लिया। अपील में कहा गया की कि उन्होंने परमिट का टैक्स जमा कराने के लिए सरकारी विभाग से अनुमति लेकर किस्तों में पैसा जमा कराया। इसके बावजूद बिना किसी नोटिस के उनकी बसों को जब्त कर लिया गया।
इससे पहले न्यू दीप की बसों की अपील पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पंजाब परिवहन विभाग को नोटिस जारी कर इन बसों को बहाल करने का आदेश दिया था। याचिकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से टैक्स जमा होने के प्रमाण संबंधी अदालत में दस्तावेज लगाए थे।
दोनों बसों के संचालक एक राजनीतिक पार्टी के साथ जुड़े है। पता इस बात का भी चला है कि दोनों प्रदेश की पिछली सरकार में अच्छे पद पर रह चुके है। कयास , इस बात के भी लगाए जा रहे है कि राज्य सरकार ने कार्रवाई राजनीतिक मंशा के कारण की है। जबकि, परिवहन मंत्री राजा वडिंग , इन बातों को सिरे से नाकार रहें है।