दुख भरी दास्तान…सड़ रहे है लंबे समय से पाकिस्तान की कराची जेल में बंद भारतीय कैदी….उड़ीक है रिहाई की…..रिहा होकर लौटे 20 मछुआरों ने बयां की जुबानी

देश वापस लौटे..वाघा सीमा पहुंचते ही चेहरों में आई नई मुस्कान….कहा, शुक्र है कि भारतीय सर जमीन पर फिर से नसीब हुआ पांव रखने का

स्पेशल पत्रकार हिमांशु शर्मा.अटारी वाघा. अमृतसर चंडीगढ़।

पाकिस्तान हमेशा से ही भारतीयों के साथ अमानवीय नीति का इस्तेमाल करता आया हैं। इस बात की साक्षी विश्व बिरादरी भी हैं। उन्होंने विश्व मंच में कई उदाहरण पेश कर इस बात का परिचय देकर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को हमेशा ही नंगा किया हैं। ताजा मामला पाकिस्तान की कराची जेल से जुड़ा हैं। 20 मछुआरों को पाकिस्तान ने वाघा सीमा के माध्यम से सोमवार भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द किया तो उन्होंने (रिहा हुए मछुआरों) एक दुख भरी दास्तान को अपनी जुबान से बयां करते कहा कि कराची की जेल में लंबे समय से कई भारतीय कैदी सड़ रहे हैं। अपना होश हवास खो बैठे हैं। इस बात की उड़ीक कर रहे हैं कि कब उनकी रिहाई होगी। देश वापस लौटते ही इन मछुआरों ने कहा कि शुक्र है कि फिर से उन्हें भारतीय जमीन पर पांव रखने का अवसर मिला। माथे पर मिट्टी लगाकर, भारत माता की जय के जयकारे भी लगाए। 

इन मछुआरों ने कि वह सब देश के गुजरात प्रदेश के रहने वाले हैं। सब लोग मछुआरे के पेशे से जुड़े हैं। इस धंधे से उनका घर परिवार चलता हैं। 4 वर्ष पहले समुद्री तूफान की वजह से वह लोग अपनी किश्ती का रास्ता भूल गए। उन्हें इस बात का मालूम नहीं था कि वह पाकिस्तान के क्षेत्र में प्रवेश कर गए। वहां की समुद्री सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लगभग 20 की संख्या थी। उन्हें कराची ले जाया गया। वहां पर हिरासत में लेकर, उनसे लंबी पूछताछ की। कई बार, उन्हें टॉर्चर भी किया गया। 

वहां की स्थानीय अदालत में केस चला। अंत में अदालत ने उन्हें 4 वर्ष की सजा सुनाई। चार वर्ष काफी कठिन परिस्थितियों में गुजारे । जेल में भारतीयों कैदियों के साथ जेल प्रशासन से लेकर वहां के स्थानीय कैदी काफी दुर्वहवहार करते हैं। किसी प्रकार से उनकी कोई सुनवाई भी नहीं की जाती है। उक्त जेल में कई भारतीय कैदी लंबे समय से कैद हैं। उनसे बातचीत हुई तो उन्होंने अपना दुखड़ा, उनके साथ साझा किया । बताया कि उन्हें लंबे समय से जेल में कैद कर रखा है। सजा पूरी होने के बावजूद, उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा हैं। अमानवीय व्यवहार किया जा रहा हैं।  

असल में हुआ क्या था…कैसे भटक गए थे रास्ता, जानिए..इस रिपोर्ट में….?

लगभग 4 वर्ष पहले गुजरात के रहने वाले यह मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए कश्ती सवार होकर निकले। एकदम समुद्री तूफान आ गया। इन लहरों के बीच वह लोग अपना रास्ता भटक गए। अचानक पाकिस्तान के क्षेत्र में प्रवेश कर गए। उन्हें तब इस बात का पता चला, जब इन लोगों को पाकिस्तानी समुद्री सेना ने , इन्हें चारों तरफ से घेर लिया। हिरासत में लेकर , इन्हें कराची ले गए। वहां पर गहनता के साथ पूछताछ हुई। अदालत में पेश किया गया। कई माह तक अदालत में केस चला। आखिरकार, उन्हें अदालत ने 4 वर्ष की सजा सुनाई। सजा पूरी होने के बाद , उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।  दस्तावेज की पूरी प्रक्रिया होने के उपरांत वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द किया गया। 

गुजरात प्रदेश के अधिकारी पहुंचे,पहले होगा कोविड टेस्ट, फिर बाद में भेज दिया जाएगा घर

गुजरात से आए एक बड़े अधिकारी ने जानकारी दी कि सबसे पहले पाकिस्तान से आए सभी मछुआरों का कोरोना टेस्ट होगा। टेस्ट की रिपोर्ट पर निर्भर करता है कि वह ठीक है या फिर कोई समस्या हैं। अगर रिपोर्ट ठीक आई तो इन्हें तत्काल, यहां से गुजरात के लिए ले जाया जाएगा। सोमवार की रात सभी मछुआरों को सरकारी गेस्ट हाउस में ठहराया गया हैं।  कल तक रवाना होने की जानकारी सामने आई हैं। 

लंबे समय से बंद पाकिस्तान जेल में भारतीयों की सकुशल वापसी पर  ले सकती है भारत सरकार बड़ा फैसला

भारतीय विदेश-मंत्रालय के सूत्रों से पुख्ता जानकारी हासिल हुई है कि जल्द ही पाकिस्तान की जेल में लंबे समय से बंद भारतीय कैदियों को वापसी लाने के लिए बड़ा फैसला लिया जा सकता हैं। इसके लिए संबंधित विभाग में चर्चा शुरु हो गई हैं। कभी भी इसके लिए एक सूची तैयार करने का आदेश जारी किया जा सकता हैं। कितनी संख्या है तथा कितने लंबे समय से बंद है। इन सब का ब्यौरा बनाया जाएगा। 

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