पंजाब की खाकी (पुलिस) के सिस्टम में अब भी नहीं सुधार

सांकेतिक तस्वीर

आम जनता की सुरक्षा में कार्यरत पंजाब पुलिस के सिस्टम में अब भी कोई सुधार नहीं हैं। चंद भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों एवं मुलाजिमों की गलत कार्यप्रणाली ने विभाग पर धब्बा लगा रखा हैं। चाहे, पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार( आप) एवं पंजाब पुलिस निदेशक इस बात का दावा कर रहे है कि पुलिस में काफी सुधार आ चुका हैं। लेकिन, मैं समझता हूं कि यह उनके दावे की सबसे बड़ी भूल कहीं जा सकती हैं। क्योंकि, भ्रष्टाचार करने वाले चंद पुलिस मुलाजिम एवं अधिकारियों का धंधा अब भी बरकरार हैं। मन में कोई भयं नहीं हैं। मुफ्त के तोड़ने वाले चंद भ्रष्ट मुलाजिम एवं अधिकारियों की एक बड़ी फौज विभाग को बदनाम कर रही हैं। हफ्ता वसूली से लेकर मुफ्तखोरी वर्तमान में भी बरकरार हैं। इतना ही नहीं, रसूखदार एवं पैसों वालों की धौंस के समक्ष यें चंद बदनाम मुलाजिम एवं अधिकारियों की फौज बिक चुकी हैं। लाखों की प्रति माह पगार लेने वाले ये लोगों का पेट इतनी कमाई से नहीं भर रहा हैं, इसलिए रिश्वतखोरी को बदस्तूर जारी रखा हैं। 

सवाल, इस बात का खड़ा होता है कि आम जनता कैसे इनसे इंसाफ की आस रख सकती हैं। गरीब तथा दबे-कुचलों के हालात अब भी दयनीय हैं। इंसाफ लेने के लिए वह लोग दर-दर भटक रहे हैं। उनकी आवाज को वर्तमान में भी इन भ्रष्टचारियों ने दबा दिया हैं। उन्हें थाना की चौखट से भगा दिया जाता हैं। उलटा, पैसे की धौंस जमाने वालों की ही सुनाई हो रही हैं। चाहे वह लोग गलत क्यों न हों। कुल मिलाकर , पंजाब की कानून व्यवस्था में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा हैं। दावे हर प्रकार के ठुस्स हैं। 

संज्ञान में आया है कि थाना में कुछ भ्रष्ट मुलाजिम एवंम अधिकारियों की फौज खाने पीने का काम करने वाले गरीब एवं असहाय दुकानदारों को प्रताड़ित कर रही हैं। उन्हें बेफजूल तंग किया जा रहा हैं। फजूल की उन्हें वंगार डाली जा रही हैं। अगर, वह लोग वंगार झेलने में असमर्थ दिखाई देते है तो उन्हें कानूनी शिकंजे का खौफ दिखाया जा रहा हैं। बेचारे परिश्रमी छोटे मोटे दुकानदार डर के माहौल में अपना जीवन यापन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। दबी जुबान में भोलते है कि अब वह लोग करे तो क्या करे, क्योंकि, उन्हें डर इस बात का है कि पुलिस उन्हें झूठे केस में डालकर जेल न भेज दें। इस प्रकार का खौफ दुकानदारों में पनपना, इस बात की ओर संकेत देता है कि आप के शासनकाल में भ्रष्टाचार बुलंदी छू रहा हैं। हर प्रकार का दावा एकदम फेल हैं।

दरअसल, भ्रष्टाचार की जड़े थाना के मुंशी से जुड़ी हुई हैं। आरामदायक कार के काले शीशे में बाजार की तरफ निकल पड़ते हैं। गरीब दुकानदारों से वंगार का काम शुरु हो जाता हैं। उन्हें डराया धमकाया जाता हैं। खाने का सामान मुफ्त लिया जाता हैं। ऊपर से धौंस जमाई जाती हैं। इतनी ही नहीं झूठे केस में फंसा देने की धमकी तक दे दी जाती हैं। अगर, दुकानदारों को वंगार के लिए मजबूर किया जाता रहा तो शायद ही भविष्य में ये लोग काम कर सकें। 

इन परिस्थितियों में सरकार एवं पुलिस निदेशक की भी मौलिक डयुटी बनती हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ को सिरे से खत्म करना होगा। क्योंकि, इन पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा तो इसके परिणाम भविष्य में सरकार की छवि पर भी डाल सकते हैं। ईमानदारी की छवि का दावा कर पंजाब की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार के लिए भी अब से ही बड़ा कुछ करने की आवश्यकता हैं। सिर्फ दावों की बदौलत कुछ नहीं हो सकता हैं। उसके लिए सच्चाई के तौर पर कुछ बड़ा करने एवं बदलाव की जरुरत हैं। फिर जाकर जनता को लगेंगा कि वाक्य में पंजाब की सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी कुछ बड़ा कर रही हैं।

प्रधान संपादक विनय कोछड़ (एसएनई न्यूज)।

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