पंजाब के सीएम तो जरुर भगवंत मान होगे…जबकि सत्ता की बागडोर दिल्ली के हाथ रहेगी

सौजन्य इंटरनेट मीडिया

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ही होगे। इस पर किसी भी तरह कोई आशंका भी नहीं है, जबकि राजनीतिक गलियारों में अब से चर्चा शुरु हो चुकी है कि पंजाब की सत्ता की बागडोर दिल्ली की आप के हाथ में रहने वाली है। सत्ता का रिमोट कंट्रोल दिल्ली आप से ही चलेगा। इस बात के प्रमाण अभी से ही मिलने शुरु हो चुके है। भगवंत मान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पांव छूने की तस्वीर खूब वायरल हो रही है। साथ में आप नेता मनीष सिसोदिया खड़े दिखाई दे रहे है। पंजाब के हित में बड़ा फैसला लेने से पूर्व दिल्ली हाईकमान से पूछ कर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। पंजाब की जनता जो पूर्ण रूप से चाहती थी शायद वह पूरा होने के अभी तक कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है। 

वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी के 20 विधायक थे। जोकि 2021 तक इनकी संख्या कम होकर 10 रह गई। यानी पार्टी छोड़ने वाले विधायक अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो गए। इनके मन में भी रोष था कि पंजाब के प्रधान के हाथ में कुछ नहीं है। फैसला तो दिल्ली के हाथ में है। पंजाब में पार्टी की हर गतिविधि में दिल्ली का हस्तक्षेप है। किसी प्रकार से उन्हें कोई भी काम करने से पहले दिल्ली से फैसला लेना पड़ता है। अब, चूंकि पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में चर्चा का बाजार गर्म हो चुका है कि चाहे भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री तो जरुर होगे, लेकिन फैसला दिल्ली की हाईकमान ही करेगी।

पंजाब सरकार को दिल्ली की सरकार के आदेश पर चलाया जाएगा। संकेत इस बात का है कि अरविंद केजरीवाल ही पंजाब के हर निर्णय पर मुहर लगाएंगे। अगर ऐसा संभव होता है तो पंजाब सरकार चलाने में आम आदमी पार्टी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी के ही विरोधी सुर उठने शुरु हो सकते है।

सबसे बड़ी पंजाब सरकार के लिए चुनौती होगी कि जिन गारेंटियों को अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की जनता के समक्ष चुनाव दौरान किया है। उसे कितने समय में पूरा किया जाता है। क्योंकि, लोगों ने दिल्ली के तर्ज पर आम आदमी को अन्य पार्टियों को नजरअंदाज कर पंजाब में सत्ता का अवसर दिया है।  फिलहाल, पंजाब के बनने जा रहे सीएम भगवंत इस बात का तो साफ दावा कर रहे है कि शपथ लेने के उपरांत सभी वादों को एक-एक करके पूरा कर दिया जाएगा। यह हमारी ने बल्कि आप लोगों द्वारा चुनी गई सरकार है। अब हम आपके हर वादे को पूरा करेंगे।

चिंता का विषय यह भी है कि दिल्ली तथा पंजाब के शासन में काफी अंतराल है। इसलिए दिल्ली में जो आप ने वादे पूरे किए है, उसे पंजाब में पूरा करने में समय भी लग सकता है। क्योंकि, यहां के शासन को पंजाब परंपरागत पार्टियों ने बिल्कुल ही बेड़ा गर्क कर दिया है।न्याय-प्रणाली में सुधार लाने के लिए आम आदमी पार्टी को कई प्रकार की चुनौतियों के दौर से गुजरना पड़ेगा। पंजाब पाकिस्तान की सीमा के साथ लगता राज्य है। यहां पर भीतर से लेकर पड़ोसी देश की बड़ी चुनौतियां है। उन्हें समझने तथा दुरुस्त करने में काफी समय लग सकता है। अगर दिल्ली के दरबार से बागडोर चली तो पंजाब के सिस्टम में बदलाव लाना इतना आसान नहीं होगा। यहां के तौर-तरीकों को सही करने में सिर्फ तो सिर्फ पंजाब से जुड़ा होने वाला नेता ही पूरा कर सकता है। 

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