एसएनई नेटवर्क.अमृतसर.चंडीगढ़।
श्री हरिमंदिर साहिब के संग्रहालय में मानव बम बनकर पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की जान लेने वाले दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर लगाई गई है। सिखों की सबसे बड़ी संस्था, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से यह तस्वीर मंगलवार को संग्रहालय में लगाई गई। उधर, सिख संगठन एवं खालिस्तान समर्थक एसएफजे के प्रमुख गुरपतवंत सिंह ने एसजीपीसी के इस कदम की भरपूर प्रशंसा की। एसजीपीसी के इस फैसले से बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने इसे गलत ठहराया तथा अदालत में जाने की भी चेतावनी दे डाली है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस में तैनात दिलावर सिंह बब्बर ने 31 अगस्त 1995 को मान बम बनकर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को उनकी बुलेटप्रूफ कार के साथ उड़ा दिया था। उसके बाद सिख रेडिकल ग्रुप ने दिलावर सिंह बब्बर को शहीद का दर्जा दे दिया। इससे पहले सिखों की सर्वोच्च संस्था कहे जाने वाले अकाल तख्त ने 23 मार्च 2012 को दिलावर सिंह बब्बर को कौमी शहीद का दर्जा दिया था।
सिख पंथ का आंतरिक मामला
इस पूरे विवाद पर एसजीपीसी अध्यक्ष एड. एचएस धामी ने कहा कि दिलावर सिंह बब्बर 1995 में शहीद हुए। 2012 में अकाल तख्त पर बलवंत सिंह राजोआना को ‘जिंदा शहीद’ और दिलावर सिंह बब्बर को अमर शहीद का दर्जा दिया गया। इसके 10 वर्ष उपरांत, अब दिलावर सिंह की तस्वीर अजायबघर में लगाई गई है।
यह सिख पंथ के आंतरिक मामला हैं। सिख पंथ किसी अन्य धर्म या पंथ में दखल अंदाजी नहीं करता और वह भी उम्मीद करता है कि कोई दूसरा उनके पंथक मामलों में दखलंदाजी न करें।
2012 में बनी तस्वीर लगाने पर सहमति
संग्रहालय में दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर लगाने पर वर्ष 2012 में सहमति बनी थी। उस समय पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन की सरकार थी। अकाली दल ने एसजीपीसी के इस फैसले का विरोध नहीं किया। हालांकि, फरवरी 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन हार गया और राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई। उसके बाद दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर संग्रहालय में लगाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
2012 में भिंडरांवाला का गुरुद्वारा बनाने पर भी हुआ था विवाद
इससे पूर्व श्री हरिमंदिर साहिब में जरनैल सिंह भिंडरांवाला के नाम पर गुरुद्वारा बनाने के बाद भी विवाद हुआ था। गुरुद्वारा की अनुमति तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने दी थी। गुरुद्वारा बन जाने के बाद उसमें भिंडरांवाला की तस्वीर लगा दी गई। हालांकि, भारी विरोध के उपरांत वर्ष 2013 में उस तस्वीर को हटाना पड़ गया था।
हाईकोर्ट जाएंगे हिंदू संगठन
हिंदू संगठन और एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि बब्बर खालसा के आतंकी दोबारा पंजाब की अमन-शांति भंग करने की साजिश रच रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसका संज्ञान लेना चाहिए। शांडिल्य ने कहा कि आतंकियों की फोटो हरमंदिर साहिब परिसर में लगाने से दरबार साहिब की पवित्रता भंग होगी।
देश की एकता व अखंडता से प्यार करने वाले और सरदार बेअंत सिंह की सोच पर पहरा देने वाले लोगों की भावनाओं को भी इससे ठेस पहुंचेगी। अगर, एसजीपीसी ने दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर नहीं हटाई तो उनका संगठन जल्दी ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।