एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग मामले में भगोड़ा घोषित मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी पाकिस्तान भागने की फिराक में है। एटीएस और लखनऊ पुलिस को उसकी पंजाब में आखिरी लोकेशन मिली है। वह पंजाब के रास्ते पड़ोसी मुल्क में शरण लेना चाहता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सपा विधायक अब्बास को भगोड़ा घोषित कर चुकी है।
पंजाब में राजनीतिक संरक्षण देने का शक
यहां विशेष उल्लेखनीय है कि अब्बास की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही पुलिस के अनुसार, शायद पंजाब में उसे राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले में सूबे के एक पूर्व मंत्री का नाम भी सामने आया है। इससे पहले मुख्तार अंसारी के रोपड़ जेल में बंद होने के दौरान उसके लिए खास इंतजाम किए गए थे। इसका खुलासा सूबे के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस सदन में कर चुके हैं।
उत्तर-प्रदेश में भगोड़ा घोषित अब्बास अंसारी
बता दें कि लखनऊ पुलिस विधायक अब्बास अंसारी की गाजीपुर स्थित संपत्ति कुर्क को करने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया है। लखनऊ की महानगर पुलिस ने अब्बास को भगोड़ा घोषित करने की अर्जी 11 अगस्त को कोर्ट में दी थी। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए 25 अगस्त तक उसको पेश करने को कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ, जिसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ कर रही जांच
मिली जानकारी के अनुसार, अब्बास के खिलाफ उत्तर प्रदेश की एसटीएफ जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस टीम ने 2 राइफल, 12 बोर का 3 गन, एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल के साथ कई बोर के 4431 कारतूस और मैगजीन बरामद की थी। 24 दिसंबर 2020 को इस मामले में आरोपी अब्बास अंसारी के खिलाफ 420, 467, 468 , 471 और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत चार्ज शीट दाखिल की गई थी।
रोपड़ जेल में मुख्तार पर खर्च हुए थे 55 लाख रुपए
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी को वीवीआईपी सुविधाएं देने के आरोप लगे थे। इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी बनाकर जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस से जांच कराई है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि मुख्तार की आवभगत में तत्कालीन सरकार द्वारा 55 लाख रुपए खर्च किए गए थे। साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि 10 आईपीएस की टीम मुख्तार की सेवा में लगी हुई थी।
कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को 2 साल और 3 महीने तक पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया। अंसारी के खिलाफ फर्जी एफआईआर की गई थी। उसने जानबूझकर उस केस में जमानत नहीं ली। जिस बैरक में 25 कैदी आने चाहिए थे, वहां उसकी पत्नी रहती थी। उत्तर-प्रदेश सरकार ने 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकाले, लेकिन उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया। यह दावा पंजाब की वर्तमान सरकार में जेल मंत्री हरजोत बैंस ने किया था।
मान सरकार को चैलेंज कर चुके रंधावा
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोपों पर मान सरकार को पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा चैलेंज कर चुके हैं। रंधावा कह चुके हैं कि मैंने ईमानदारी से काम किया। सरकार चाहे जहां मर्जी बुलाकर पूछताछ कर सकती है। पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा है कि मुझे इस केस या डिपार्टमेंट में किए काम के लिए किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है।