एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

2 सगे भाइयों सहित 7 युवक हिमाचल प्रदेश के गोबिंद सागर झील में डूब गए। हादसे से संबंधित सभी युवक पंजाब के बनूड़ की मीरा शाह कॉलोनी में रहने वाले हैं। सभी के शव सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए हैं। पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन ने हादसे के बारे पीड़ित परिवार को इतलाह कर दी। हादसा सोमवार की शाम 4 बजे के करीब का बताया जा रहा हैं। सूचना पाने पर इलाके का माहौल गमगीन हो गया हैं। घटना के बाद पारिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार के कुछ लोग शव लेने हिमाचल प्रदेश रवाना हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, इलाके से 11 लोग मोटरसाइकिल सवार होकर हिमाचल प्रदेश में धार्मिक स्थलों की यात्रा करने निकले थे। माता नैना देवी मंदिर में माथा टेकने के बाद वे बाबा बालक नाथ मंदिर जा रहे थे। जब ये सारे युवक थाना बंगाणा के अधीन गांव कोलका के नजदीक स्थित बाबा गरीब दास मंदिर के पास दोपहर करीब साढ़े 3 बजे पहुंचे तो एक नौजवान ने नहाने की इच्छा जताई। इसके बाद कुछ युवक नहाने लगे। इस दौरान गहराई ज्यादा होने की वजह से एक नौजवान पानी में डूब गया। जब डूबने वाले ने शोर मचाया तो वहां पर खड़े छह नौजवान उसे पानी से निकालने लग पड़े। इस दौरान एक नौजवान का हाथ छूट गया जिसके बाद सारे डूब गए। गोबिंद सागर झील में डूबने से 7 युवकों की मौत हो गई।
बनूड़ में शोक की लहर
बनूड़ में शोक की लहर है। हादसे में एक बुजुर्ग ने अपने बेटे समेत तीन पोतों को खो दिया है। वहीं दो बेटों को खोने वाले पिता पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। घटना की सूचना मिलने के बाद से मातम पसर गया है। हर आंख नम है। लोगों का आरोप है कि घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली। सभी मृतकों के परिजन दिहाड़ी करते हैं। इस हादसे में सुरजीत राम ने अपना एक बेटा व तीन पोते रमन, लाभ व लखवीर खो दिया है। 32 वर्षीय पवन कुमार तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। वह इलाके की शराब फैक्ट्री में मजदूरी करता था। उस पर ही सारे परिवार की जिम्मेदारी थी। लाल चंद के दोनो बेटे रमन (19) और लाभ (17) की डूबने से मौत हुई है।

रमन मनीमाजरा के सरकारी कॉलेज में पढ़ता था। वहीं लाभ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11 वीं का छात्र था। उसकी दो बहने हैं। लाल चंद की पिछले साल हादसे में चार जगह से टांग टूट गई थी। वह अभी तक बिस्तर पर पड़ा है। लखवीर बनूड़ के स्कूल में 11वीं का विद्यार्थी। विशाल (18) तीन भाई था। उसके पिता मजदूरी करते थे। अरुण 8वीं कक्षा का विद्यार्थी था। शिव (15) मैट्रिक कर रहा है। किशन, मोनू, फौजी व रमन भी इन नौजवानों के साथ थे।
सुबह घर से गए थे, तीन दिन बाद लौटना था
सुरजीत राम व चाचा ओम प्रकाश ने बताया कि वह घर से सुबह साढ़े पांच बजे के करीब मोटरसाइकिलों पर निकले थे। श्री नैना देवी, बाबा बालक थान व पीर निगाह घूमकर तीन दिन बाद वापस आने की बात कहकर गए थे। जाने के बाद कोई फोन भी नहीं किया। यह भी नहीं बताया गया कि पहले कहा पर जाना है। उन्हें सिर्फ टीवी पर खबर से पता चला। पार्षद भोला राम ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए ऊना अस्पताल में रखवा दिया गया है।
इन लोगों की डूबने से हुई मौत
गोबिंद सागर में डूबने वालों की पहचान रमन (19) व लाभ (17) दोनों सगे भाई, शिव कुमार, पवन कुमार (33), अरुण कुमार, लखवीर कुमार (16), विशाल कुमार (16) के रूप में हुई। इसके अलावा उनके साथ गए नौजवान कृष्ण कुमार, सोनू, हेरी व रमन भी उनके साथ बाबा बालक नाथ जा रहे थे।