देश में खुलकर बोलना तथा ईमानदारी से कार्य करना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हैं। लेकिन, पंजाब की सत्ता में पहली बार आई आम आदमी पार्टी बदले की राजनीति पर उतर आई हैं। इसका ताजा उदाहरण आया है कि कांग्रेस के दो दिग्गज को आप की लिस्ट को सोशल मीडिया में डालने पर पार्टी के इशारे पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया गया। मामला पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग एवं सुखपाल सिंह खैरा पर मोहाली की आप की अध्यक्ष महिला की शिकायत पर किया गया। इससे साफ साबित हो जाता है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में बदले की राजनीति करने पर उतर आई हैं। शायद, आप इस बात से बिल्कुल अंजान है कि जनता नहीं देख रही हैं। लेकिन, यह उसकी बड़ी भूल हो सकती हैं। आने वाले समय में इसका परिणाम गलत भुगतना पड़ सकता हैं। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि आम आदमी पार्टी के खिलाफ बोलना, उन्हें नागवार लग रहा है, इसलिए सत्ता के दम पर पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। नेता ही नहीं, आप के शिकार सच्चाई प्रकाशित करने वाले हो रहे हैं। इसके लिए आम आदमी पार्टी की एक टीम बैकफुट पर कार्य कर रही हैं।
टीम का हिस्सा पंजाब विधानसभा में पैर रखने वाले सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक एवं मंत्री शामिल हैं जो कि अपनी रंजिश निकालने के लिए बैकफुट पर रोल निभा रहे हैं। ताजा मामला , प्रदेश के एक जिला का सामने आया। उक्त मामले में सच्चाई को प्रकाशित करने वालों के खिलाफ फर्जी कहानी बनाकर , पुलिस के आगे दबाव बनाकर मामला दर्ज कर लिया गया। उस मामले में एक सत्तारूढ़ विधायक तथा मंत्री का नाम सामने भी आया। जिसके इशारे पर काम हुआ, खुद वह भगौड़ा हो गया। कुल मिलाकर , सत्ता पर काबिज पार्टी के नेता बदले की राजनीति का काम कर रहे हैं। पर्दे के पीछे इन्हें राज्य एवं केंद्र में बैठे पार्टी के नेता पूर्ण रूप से संरक्षण दे रहे हैं। किरदार में मिलावट हो रही है, निशाना भोले-भाले तथा बेकसूर हो रहे हैं। प्रमाण के बिना फंसाया जा रहा हैं।
पंजाब की सत्ता में कई पार्टियों ने शासनकाल किया। लेकिन, किसी ने बदले की राजनीति वहीं अपनाई। लेकिन , आम आदमी पार्टी ने बदले की राजनीति में सभी पार्टियों से आगे का रिकॉर्ड कायम कर लिया हैं। पार्टी को लोकसभा के उपचुनाव में मिली हार से सीख लेनी चाहिए थी। लेकिन सत्ता के गुरूर में आम आदमी पार्टी को कोई असर नहीं हो रहा हैं। सिलसिला कोई भी लंबा नहीं चलता है, क्योंकि, हर चीज का अंत एक दिन आता हैं। बुरे काम का अंत हमेशा ही बुरा होता हैं। इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी ने बुरे बीज बोने शुरु कर दिए हैं, जिसका परिणाम प्रतिकूल ही निकलेगा।