भुल्लर साहब,…………इन दिनों ट्रैफिक की कमान है कुछ ढीली…..एक खत ने चंडीगढ़ विभाग-सरकार को हिलाया

TRAFFIC JAAM AT AMRITSAR

पुलिस आयुक्त भुल्लर साहब, आपकी लगता है ट्रेफिक पुलिस की कमान इन दिनों काफी ढीली चल रही है, इस बात का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है शहर के हर चौरोहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों की बड़ी फौज से ट्रैफिक जाम नहीं खुल पा रहा है। चर्चा, इस बात की चल रही है कि इतनी बड़ी ट्रैफिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों की फौज सिर्फ तो सिर्फ अपने मोबाइल पर ही व्यस्त दिखाई देते है। खास बात तो यह है कि अगर कोई सैलानी इनसे राह पूछता है तो वे उन पर टूट कर पड़ जाते है। इससे सैलानियों के बीच अमृतसर ट्रैफिक पुलिस का संदेश काफी बुरा जा रहा है। पते की बात है कि इन दिनों एक खत इनकी (ट्रैफिक पुलिस) शिकायत का पुलिस कमिश्नर कार्यालय तथा चंडीगढ़ दरबार में घूम रहा है। उस खत में एक सैलानी की शिकायत है, उसने ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ बहुत कुछ लिखा है, जो शायद पढ़ने के बाद एक बार सभी के रोमटे खड़े हो जाएंगे, क्योंकि, उस खत में शिकायतों का पिटारा के अलावा ट्रैफिक पुलिस की हर एक करतूत का विवरण किया गया। अब पता नहीं विभाग उस खत को कितनी गंभीरता से लेता है, क्योंकि, मामला यू तो खाकी के साथ जुड़ा है। अक्सर देखने में आया है इस प्रकार के खत को वैसे भी दबा ही लिया जाता है। 

अमृतसर शहर , पूरे विश्व में एक अलग ही पहचान रखता है। प्रतिदिन 2 लाख से ऊपर सैलानी इस गुरु नगरी में आते है। इन सैलानियों का सब से पहले वास्ता ट्रैफिक पुलिस के साथ पड़ता है। लेकिन, इन दिनों सैलानी ट्रैफिक पुलिस से काफी खफा चल रहे है। क्योंकि, ट्रैफिक जाम 3-4 किलोमीटर तक लगा रहता है। ऊपर से ट्रैफिक पुलिस वाले अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहते है। पते की बात है कि इनसे अगर सैलानी पता मालूम करने का प्रयास करता है तो उल्टा उन्हें ही फटकार झेलनी पड़ती है। पता चला है कि एक सैलानी इन ट्रैफिक पुलिस वालों का तो एक वीडियो ही बना लिया है। उसे सोशल मीडिया में प्रसारित करने का मन बना चुका था। लेकिन, कहते है 5 उंगलियां एक बराबर नहीं होती है। इसी प्रकार ट्रैफिक पुलिस विभाग सारा एक जैसा नहीं है। एक ट्रैफिक के हीरे ने सैलानी से संपर्क कर, उनसे अनुग्रह किया है कि वह आपसे अपने सहयोगियों की भूल की माफी मांग लेता हूं, ऐसे में सैलानी का मन पिघल गया तथा अपने भीतर का गुस्सा पी लिया। पिलहाल, जो परिस्थितियां ट्रैफिक पुलिस की उत्पन्न हो चुकी है, उससे इस बात अवश्य संकेत मिल रहा है कि इसे स्थित करने में काफी समय लग सकता है। आवाज इस बात की भी उठ रही है कि ट्रैफिक पुलिस की पुरानी फौज बदलने की अवश्यता है। अगर ऐसा संभव हो जाता है तो शायद नई सोच के कर्मचारी तथा अधिकारी इस प्रणाली को काफी हद तक सुधार सकते है। लेकिन, ऐसा लग नहीं रहा है कि क्योंकि, अधिकतर फौज तो बड़े अधिकारियों के चेहतों से भरी पड़ी है। इसलिए, उन्हें हिलाना विभाग के लिए कोई आसान काम नहीं होगा। 

एक खत जो अमृतसर से लेकर चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय में चर्चा का विषय बना है वो खत ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की वो पोल खोलता है, जिससे काफी बड़ा हंगामा खड़े होने की संभावना बन जाती है, इसलिए बीच की खबर है कि उस खत पर कार्रवाई करने के लिए कुछ अलग नीति तैयार की जा रही है। उस नीति का अभी तक कुछ अधिकारियों को ही शायद पता है। क्योंकि, विभाग के भीतर सूत्र बताते है कि इस पर खुल कर काम करना कोई आसान स्थिति नहीं है। इसलिए, इस पर काम तो अवश्य होगा पर भनक किसी को नहीं लगने दी जाएगी। क्योंकि , मामला विभाग की साख के साथ जुड़ा है। इधर, एक चर्चा ने और एक बात को बल दे दिया है कि अब ट्रैफिक विभाग में बड़ा फेरबदल आने वाले दिनों में देखा जा सकता है। उसमें बड़े प्रमुख साहब से लेकर उन कर्मचारियों की सूची में नाम बदलने का ऊपर से विचार हो रहा है। क्योंकि, मामला तो अब राज्य सरकार की टेबल पर भी पहुंच चुका है। कहते है कि अमृतसर की ट्रैफिक समस्या ने इस बार कोई सरकार को भी इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि ट्रैफिक पुलिस में की दाल में कुछ तो काला है जो इतनी शिकायतों के बावजूद इसे सुधार पाने में ट्रैफिक विभाग नाकाम साबित हो रहा है। खैर, अब चंडीगढ़ विभाग ने उस खत पर गौर करना आरंभ कर दिया है तथा उस पर आने वाले दिनों में कुछ बड़ा होने का संकेत मिल सकता है।  

प्रधान संपादक……………विनय कोछड़ (एसएनई न्यूज़) 

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