भैया जी, यह सियासत है……….अब भाजपा के लिए मुश्किल खड़े कर रही खन्ना की कविता, बब्बू का दम निकलेंगे यह नेता

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

लोकसभा हलका गुरदासपुर से भाजपा ने अपनी पहली सूची में दिनेश सिंह बब्बू पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया। लेकिन, उनके लिए मुश्किलें अभी से ही खड़ी हो चुकी है। क्योंकि , एक दिन पहले पूर्व सांसद विनोद खन्ना की पत्नी ने टिकट उन्हें देने की दिली इच्छा जताई। उधर, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता बब्बू का दम निकालने के लिए मैदान में उतर चुके है। इससे एक बात जाहिर हो जाती है कि भाजपा को इस सीट में अपने ही नेताओं का विरोध झेलना पड़ सकता है। 

बब्बू के प्रति पार्टी का पूरा विश्वास इसलिए भी है, क्योंकि, उन्होंने पार्टी के सत्ता से होने के बावजूद जीत दिलाई है। विधानसभा हलका सुजानपुर में उनका मतदाता बैंक काफी संख्या में है। लेकिन, इस बात को भी नहीं भुलाया जा सकता है कि संसदीय क्षेत्र काफी लंबा चौड़ा है। गुरदासपुर, बटाला जैसे क्षेत्र में बब्बू को अपनी ताकत झोंकने के लिए कई प्रकार हथकंडे अपनाने की आवश्यकता पड़ सकती है। 

मजे की बात है कि इस बात भाजपा का राजनीतिक साथी शिअद भी साथ नहीं है। वे दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ रही है। बब्बू के लिए ग्रामीण क्षेत्र में मत हासिल करना काफी मुश्किल हो सकता है। क्योंकि, इन क्षेत्रों में शिअद का पूरा-पूरा दबदबा है। शहरी क्षेत्र में चाहे दिनेश मत हासिल करने में कामयाब हो सकते है। लेकिन, उनकी पार्टी के कुछ नेताओं का बदले-बदले सुर उनकी जीत में बड़ा कांटा साबित हो सकते है। भीतर से उक्त नेता बिल्कुल ही नहीं चाहेंगी कि वह इस सीट पर जीत हासिल कर पाए। अब पार्टी के लिए भी चिंता का विषय पैदा हो गया कि कैसे इन नाराज नेताओं को मनाए। चर्चा इस बात की आरंभ हो चुकी है कि पार्टी ने इसके लिए विशेष कैडर के नेताओं को इनके पीछे लगा दिया। उन्हें समझाया जाएगा कि कैसे न कैसे करके पार्टी को यह सीट जीतना है। इसके लिए उनका सहयोग की काफी आवश्यकता है। 

पार्टी सूत्रों से इस बात का पता चला है कि उनकी बात को मनाने के लिए पार्टी उन्हें भविष्य़ के लिए कोई बड़ा अवसर देने का आफर भी दे सकता है। शायद, पार्टी का यह नुकसा काम भी कर जाए, क्योंकि, अक्सर नेता को पार्टी से सम्मानजनक कुछ हासिल हो जाए तो वह उनकी हर बात को मान लेते है। भाजपा ने अब इस रणनीति पर काम करना आरंभ कर दिया। अब देखना होगा कि पार्टी का छोड़ा गया तीर निशाने पर लगता है या फिर चूक कर गिर जाता है। 

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