यह कैसी ‘POLITICS’ है।………..घायल किसान को लेकर प्रदेश सरकार एवं अन्य नेता थपथपा रहे पीठ

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

राजनीति करना तो हमारे देश के नेताओं के कण-कण में लिखा है। किसी अवसर पर ये लोग राजनीति करने से बिल्कुल परहेज नहीं करते है। मामला, जुड़ा है पंजाब-हरिय़ाणा के शंभू बार्डर चल रहे किसान आंदोलन के साथ है। वहां पर लंगर की सेवा करने वाले किसान प्रितपाल सिंह पर हरियाणा पुलिस द्वारा बुरी तरह से पिटाई करने का संगीन आरोप लगा है। उसे इलाज के लिए जह हरियाणा के अस्पताल दाखिल किया गया तो मामले ने राजीनित रुप ले लिया। शिरोमणि अकाली के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया, सीएम भगवंत मान तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राजनीति भी करनी शुरू कर दी। इतना नहीं, अपनी-अपनी पीठ थपथपाने के अलावा क्रेडिट वार भी शुरू हो गई। 

सीएम भगवंत मान ने हरियाणा सरकार के सचिव पत्र लिखकर पंजाब के अस्पताल में इलाज करवाने का हवाला दिया। इसी प्रकार शिअद ने मजीठिया के अथक प्रयास की भरपूर सराहना की, लिखा कि उनकी बुलंद आवाज की वजह से हरियाणा ने पंजाब के हवाले प्रितपाल को किया। जबकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने तो सीएम हरियाणा मनोहर लाल के समक्ष उनकी पुलिस कार्यप्रणाली को लेकर कड़े शब्दों में निंदा की। मांग की कि पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। किसान आंदोलन का लंगर बनाने वाले प्रितपाल सिंह को पुलिस ने काफी बेरहमी से पीटा है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

मालूम हुआ कि प्रितपाल सिंह एक गुरु सिख है। वह किसान आंदोलन में लंगर की सेवा कर रहा था। इस बीच हरियाणा पुलिस ने उसे लंगर वाले स्थान से उठा लिया। उसके साथ बुरी तरह से पिटाई की गई। बताया जा रहा है कि वह हरियाणा के एक अस्पताल में दाखिल था। मामला राजनीति रुप लेने के उपरांत, उसे पंजाब के हवाले कर दिया गया। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस आंदोलन में राजनीति करने वालों को एक मुद्दा दे दिया है। कोई किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठा नहीं चाहता है। अभी तक किसी पार्टी ने किसानों की मांग को हल करवाने में भी कोई खास साथ नहीं दिया। क्रेडिट लेने के लिए सब पार्टियों ने अपना-अपना मोर्चा खोल लिया।  

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