वरिष्ठ पत्रकार.बटाला (चंडीगढ़)।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्वनी सेखड़ी ने आखिरकार कांग्रेस को छोड़ दिया है। भाजपा में शामिल होकर उन्होंने एक बड़ी राजनीतिक हलचल पैदा की है। फिलहाल, सेखड़ी ने इस बात की खुलकर पुष्टि नहीं की। लेकिन, सेखड़ी के बेहद करीबी भाजपा में शामिल होने की बात को मान रहे है तथा उन्होंने इस बात के लड्डू भी बांट दिए। इससे एक बात तो साफ साबित हो गई कि नवजोत सिंह के सिद्धू खेमे को बड़ा झटका लगा हैं।
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में सेखड़ी को बटाला से सीट दिलवाने में सिद्धू ने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, इस सीट पर तब दांव फंस गया था, जब तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने यहां से अपने बेटे को सीट दिलाने के लिए हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। तब सिद्धू द्वारा सेखड़ी के पक्ष में दमदार रैलियां की थी। उसके बावजूद वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमन शेर सिंह कलसी से हार गए थे।
टकसाली कांग्रेसी माना जाता सेखड़ी परिवार
अश्वनी सेखड़ी की शौक्षिंक योग्यता लॉ ग्रेजुएट हैं। शुरु से ही सेखड़ी परिवार टकसाली कांग्रेसी माना जाता रहा। लेकिन रविवार को अश्वनी सेखड़ी द्वारा भाजपा में शामिल होने के ऐलान होने के तुरंत उपरांत उनकी कांग्रेस में कटरता समाप्त हो गई।
राजनीति सफर
अश्वनी सेखड़ी ने बटाला विधानसभा सीट से पहली बार 1985 में चुनाव लड़ा था जिसमें वह सफल रहे। इसके बाद वह 2002 और 2012 में भी बटाला सीट से दोबारा विधायक के रूप में चुने गए। 2002 में उन्हें पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया और 2009 में सेखड़ी को पंजाब प्रदेश कांग्रेसी कमेटी का प्रवक्ता नियुक्त किया गया। 2017 में अश्वनी सेखड़ी ने बटाला से फिर कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ा मगर वह शिअद के लखबीर सिंह लोधीनंगल से महज 485 वोटों से हार गए।
2 वर्ष पहले भी कांग्रेस छोड़ने की थी चर्चा
2 वर्ष पूर्व भी सेखड़ी के समर्थकों द्वारा उनका कांग्रेस को छोड़ने का ऐलान कर दिया था। सोशल मीडिया में एक जारी पोस्ट ने पंजाब से लेकर दिल्ली तक हिला दिया था। उसके उपरांत, उन्हें मनाने के लिए पंजाब कांग्रेस प्रभारी तथा वरिष्ठ नेता उनके आवास पहुंच गए। लंबी चर्चा के उपरांत उन्होंने अपना ऐलान टाल दिया। लेकिन, इस बार कांग्रेस को छोड़ कर सच में भाजपा का दामन थाम लिया।