राहत भरी खबर….सुप्रीम कोर्ट ने 12-14 वर्ष के बच्चों के बिना टीका लगाए स्कूलों में प्रवेश पर रोक के आदेश को फिलहाल टाला

सांकेतिक तस्वीर

वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.चंडीगढ़।

देश की शीर्ष न्यायालय के आदेश उपरांत चंडीगढ़ प्रशासन ने 12-14 वर्ष के बच्चों के बिना टीका लगाए चार मई से स्कूलों में प्रवेश पर रोक के आदेश को फिलहाल अगले निर्णय तक स्थगित कर दिया है। यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने टीकाकरण अभियान की समीक्षा बैठक कर यह निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि बच्चों के टीकाकरण की गति पहले से बेहतर हुई है इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि 25 मई तक शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।


गौरतलब है कि टीकाकरण की 25 अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक के दौरान 12-14 वर्ष के बच्चों के परिणाम पर असंतोष जताते हुए सलाहकार धर्मपाल ने स्कूलों में प्रवेश न देने का आदेश दिया था। यह आदेश चार मई से लागू होना था। स्कूलों में प्रवेश न मिलने की सूचना के बाद अचानक से इस आयु के लाभार्थियों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है।


25 अप्रैल को इसके लाभार्थियों की संख्या महज 17478 थी, जो तीन मई को 27685 पर पहुंच गई है। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल का कहना है कि अभियान को सफल बनाने में अभिभावकों के साथ ही शिक्षक भी सहयोग करें।


अवकाश के दिन भी 1199 बच्चों ने लगाया टीका


ईद के दिन अवकाश होने के बावजूद 12-14  साल के बच्चों ने स्कूलों और अस्पतालों में जाकर टीका लगवाया। मंगलवार को इस उम्र के 1199 बच्चों को टीका लगाया गया। अब लाभार्थियों का प्रतिशत 61.53 पर पहुंच गया है। वहीं 15-18 वर्ष के 631 बच्चों को टीका लगाया गया। इसके बाद उनके लाभार्थियों की संख्या 98.40 प्रतिशत के साथ 70847 हो गई है।

प्रशासन टीकाकरण के लिए करें प्रोत्साहित  


चंडीगढ़ अभिभावक संघ के अध्यक्ष नितिन गोयल ने कहा कि प्रशासन को लोगों को टीकाकरण के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए लेकिन वह जबरदस्ती नहीं कर सकते। बच्चों को स्कूलों में जाने से रोकने का आदेश गलत है। मुझे खुशी है कि प्रशासन ने अपना आदेश वापस ले लिया है अन्यथा वे सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना में होती। सांकेतिक तस्वीर

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