रोडवेज कांटेक्ट कर्मचारियों पर सरकारी डंडा….नौकरी से बर्खास्त करने की चेतावनी, डाक के माध्यम से भेजे जा रहे लीगल नोटिस

हड़ताली कर्मचारी बोले…हम नहीं डरने वाले ऐसे नोटिसों से जारी रहेगी हड़ताल

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।

पंजाब रोडवेज , पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन को अब सरकारी डंडे से डराने के प्रयास शुरू हो गए। सोमवार को हड़ताली कर्मचारियों के घर डाक के माध्यम से विभाग की तरफ से लीगल नोटिस भेजा गया। नोटिस में साफतौर पर विवरण किया गया की कि अगर कांट्रैक्ट कर्मचारी अपने हड़ताल समाप्त नहीं कर काम पर नहीं लौटे तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उधर, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने भी एक सुर में प्रबंधन को चेतावनी दे डाली है कि हड़ताल करने से पूर्व सरकार, मंत्री, सीएम, प्रबंधक कमेटी, एमडी तक को चिट्ठी जारी कर बता दिया था। हम आपके इस प्रकार की चेतावनी से बिल्कुल नहीं डरने वाले है। अपना अधिकार वापस लेकर काम पर लौटेगे।

अपनी जायज मांगों को लेकर पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कच्चे कर्मचारी सरकारी बसों का चक्का जाम कर हड़ताल में डटे है। कई दौर की बातचीत सफल नहीं हो पाई। सरकार की तरफ से इन्हें पहले काम पर लौटने के लिए कहा जा रहा है, उसके बाद मांगों पर विचार करने की बात कहीं जा रही है। जबकि , हड़ताली कर्मचारियों का मानना है कि उनकी मांगे पिछले 15 वर्ष से लंबित है। सरकार हर बार उनसे झूठा वादा कर काम पर लौटने के लिए मजबूर करती है तथा बाद में अपने वादे से मुकर जाती है। चेतावनी देते पंजाब रोडवेज कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष रेशम सिंह ने कहा कि अब इस बार ने वे लोग सरकार के झूठे वादे के जाल में फंसने वाले नहीं है। अगर विभाग ने सरकार के दबाव में आकर उनके खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है तो उन्हें किसी प्रकार से कोई भयं नहीं है। सरकार ,उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दे रही है। यह अच्छी बात नहीं है। हम लोग सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगे। 

पंजाब में लगभग 8 हजार कांट्रेक्ट सरकारी बसों के कर्मचारी हड़ताल पर है। चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल यूपी, राजस्थान परिवहन चलने वाली बसों का पंजाब में चक्का जाम है। वहां जाने वाले यात्रियों को सफर करने में खासा दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। निजी टेक्सी के माध्यम से अपना गंतव्य पर जाना पड़ रहा है।  इनसे मनमाने रूप से किराया वसूलने की शिकायतें भी सामने आ रही है। 

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