एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/चंडीगढ़।

शांतमय तरीके से प्रदर्शन चल रहा था। प्रदर्शन मंदिर के समक्ष था। प्रदर्शन करने वाले हिंदू नेता भारी संख्या में उपस्थित थे। इस बीच पुलिस, उन्हें समझाने का प्रयास करती हैं, तभी देश-विदेश में परिचित शिवसेना नेता सुधीर सूरी पुलिस को बोलते है कि हमारा प्रदर्शन किसी के खिलाफ नहीं हैं। सिर्फ बेअदबी करने वाले के खिलाफ हैं। शुक्रवार की बाद दोपहर एक तरफ से गोलियों की आवाज आती हैं। पांच गोलियां सुधीर सूरी को लगती हैं। अफरा-तफरा का माहौल में खून से लथपथ सुधीर सूरी को उठाकर , उनके समर्थक अस्पताल ले जाते हैं। बचाव में समर्थक ने भी गोलियां दागी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। छाती के भीतर गोलियां लगने से सूरी की अस्पताल में मौत हो गई।

24 सुरक्षाकर्मियों के बावजूद , सुधीर सूरी पर ताबड़तोड़ गोलियां चल जाना, काफी हैरान करने वाली बात तो है ही, लेकिन , शासन एवं प्रशासन पर भी बड़े सवाल खड़े कर देती हैं। पिछले 3 वर्ष से खालिस्तानियों के निशाने पर थे सुधीर सूरी। पिछले , दिनों सुरक्षा एजेंसियों ने एक एडवाइजरी चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय को जारी की थी कि पंजाब के कुछ हिंदू नेता आतंकियों के निशाने पर हैं। उनमें सुधीर सूरी का नाम भी शामिल था। समय-समय पर सुधीर सूरी को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थी, लेकिन, वे बेबाक तथा अपनी जान की परवाह किए बिना ही हर मोर्चे पर अपनी कौम के लिए खड़े हो जाते थे।
दुश्मन देश पाकिस्तान की भूमि में संरक्षण ले रहे भारत विरोधी आतंकियों को वहां की आईएसआई खुफिया एजेंसी हर समय भारत के खिलाफ भड़काने में लगी हैं। पंजाब का माहौल बिगाड़ने में पूरी तरह से पाकिस्तान की धरती से षड्यंत्र रचा जा रहा हैं। सुधीर सूरी की हत्या के पीछे भी , इन शक्तियों का कहीं न कहीं हाथ हो सकता हैं। सुधीर सूरी की हत्या करने वाला गर्म ख्याली था, इस बात के सबूत, उसकी कार में लगे खालिस्तानी स्टीकर तथा प्रचार करने वाली कुछ सामग्री हासिल होने से पता चल जाता हैं। फिलहाल, इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई अधिकारिक बयान तो जारी नहीं किया। हत्यारोपी भी प्रदर्शन स्थल के पास अपनी दुकान चलाता हैं।

ऐसा था सुधीर का सुरक्षा घेरा
दिवंगत हिंदू नेता सुधीर सूरी का सुरक्षा वाई श्रेणी का था। उसे पंजाब सरकार के सुरक्षा मुख्यालय से 24 सुरक्षाकर्मी तैनात थे। 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 एएसआई, जबकि, सीनियर हैड कांस्टेबल के पद के जवान शामिल थे। उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। हत्या के दौरान, उनके 16 के लगभग सुरक्षा कर्मी में ही थे, जबकि, वह कुछ नहीं कर पाए। उनके साथ , धरने में बैठा अन्य नेता ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से फायर किए थे। लेकिन, तब तक काफी समय गुजर चुका था।

हत्यारा खालिस्तानी समर्थक
हत्या करने वाले की पहचान संदीप सिंह के तौर पर हुई। धरनास्थल के पास उसकी दुकान बताई जा रही हैं। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मौके से लाइसेंसी रिवाल्वर भी बरामद किया गया। कार से खालिस्तानी संबंधित सामग्री भी बरामद हुई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया। अदालत में फिलहाल पेश नहीं किया गया।
दुकानें बंद करा दी गई
जैसे ही सुधीर सूरी की हत्या हुई, उसी दौरान शिव सैनिकों ने बाजार के व्यापारिक प्रतिष्ठान को बंद कराना शुरू कर दिया। कई जगह इंट-पत्थर चलने की बात भी सामने आई। जबकि, इस बारे किसी तरह से पुलिस ने कोई पुष्टि नहीं की। 5 नवंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया गया। अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री के ब्यास दौरे से पहले प्रशासन क्या बड़ा कदम उठाता हैं।