ड्रोन से लेकर पाक की नापाक हरकतों को ध्वस्त करने में बीएसएफ रही कामयाब….पंजाब पर स्थित 553 किलोमीटर भारत-पाक सरहद पर चौबीस घंटे जुटे यह जवान
एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब की भारत-पाक सीमा 553 किलोमीटर तक फैली है। दिन-रात यहां पर सीमा सुरक्षा बल के जवान दृढं संकल्प तथा जांबाजी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे है। वर्ष 2021 में लगभग 24.250 अरब की (485 किलोग्राम) पाक हेरोइन पकड़ने का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) दावा कर रही है। देश हित से लेकर समाज के प्रति सराहनीय कार्य करने को लेकर उन्हें दिल से सलाम है। ड्रोन से लेकर पाक की नापाक हरकतों को ध्वस्त करने में बीएसएफ काफी कामयाब रही। इस बात की पुष्टि सीमा सुरक्षा बल के प्रवक्ता ने की।
ड्रोन को नष्ट करने तथा उसके माध्यम से पाक की तरफ से आए 58 हथियार, 3332 गोली-सिक्का, 485 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। 16 पाक नागरिक, 1 बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। 6 पाक घुसपैठिए मार गिराए। इतना ही नहीं, मानवता की मिसाल पेश करते हुए गलती से पाक सीमा पार कर भारत में दाखिल होने वाले 14 पाक नागरिक को वापिस उनके देश भेज दिया गया।
निशुल्क चिकित्सा शिविर, खेल प्रतियोगिता, संस्कृति कार्यक्रम, जरुरतमंद गांव वासियों की मदद, कोविड-19 महामारी दौरान गांव वासियों को जागरूक करने तथा बचाव के कार्यक्रम आयोजित किए। इस प्रकार की मुहिम ने एक नेक इंसानियत तथा एक-दूसरे के करीब लाने में काफी कारगर साबित हुई।
जय-जवान.जय-किसान के माध्यम से किसानों की मदद की
सीमा सुरक्षा बल ने जय-जवान..जय-किसान के नारे के माध्यम से किसानों की हर प्रकार की मदद की। कई कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रम में कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट, डीआईजी स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने किसानों को अपना साथी होने का अहसास कराते हुए, हर संभव मदद करने का भरोसा दिया। इस मुहिम का असर रहा कि अब गांव वालों तथा सीमा सुरक्षा बल के जवानों में अच्छा तालमेल है। उनकी हर समस्या का समाधान भी प्राथमिकता के साथ निकाला ।
यह महोत्सव रहें याद
गारसीमा सुरक्षा बल के प्रवक्ता के मुताबिक, वर्ष 2021 में स्वतंत्रता दिवस , विश्व योग दिवस, पुलिस स्मरणोत्सव , रन फॉर यूनिटी, स्वच्छ भारत मिशन, बाल दिवस जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रम के हर पल को काफी यादगार बनाया गया। पंजाब स्तर पर जवानों को बुनियादी तौर पर अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई अच्छे कदम उठाए गए। जवानों के परिवार के कल्याण के लिए कल्याण केंद्र स्थापित किए गए। उन्हें सिविल तथा अन्य पाठ्यक्रम पर आवश्यक शिक्षा भी दी गई।