एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब में ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरा बढ़ने के आसार साफतौर पर दिखाई दे रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह सामने है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मुताबिक, 35 लाख लोगों ने कोविड के खिलाफ प्रतिरोधक दूसरी डोज नहीं लगवाई हैं। इसके पीछे एक ओर चौकन्य वाले तथ्य सामने आए है कि अब दूसरी डोज लगाने वालों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपर्क करने पर, उन्हें कई प्रकार के बहाने पर बहाना सुनने को मिल रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, पंजाब के लिए यह बहुत बड़ी चिंता की बात है। इससे पंजाब में ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ सकता है। बाद में इसे कंट्रोल करने में काफी मुश्किलें पैदा हो सकती है। वैसे भी विदेशों में जैसा कि अफ्रीकी देश से लौटे यात्रियों में टेस्ट रिपोर्ट में ओमिक्रॉन के लक्षण पाए गए। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने तो पैनी नज़र पूरी तरह से रखी है, जबकि लोगों द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लेने के कारण एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 35 लाख लोग ऐसे सामने आए है कि जिन्होंने सरकार द्वारा शुरु की गई कोविड के खिलाफ दी जाने वाली डोज को नहीं लगवाया। इन्हें डोज देने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से डोर टू डोर मुहिम का आगाज किया, ताकि सभी को दूसरी प्रतिरोधक क्षमता के लिए डोज दी जा सकें। लेकिन, इस मुहिम के तहत विभाग को कुछ सफलता मिलने की बात सामने नहीं आई।
विभाग के मुताबिक, अगर दूसरी डोज समय पर नहीं ली जाए तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है। इससे दोबारा से महामारी की चपेट में आने के अवसर बढ़ जाते है। अफसोसजनक बात है कि लोगों का इस मुहिम के तहत साथ नहीं मिल रहा है। विभाग द्वारा पहल करने के बावजूद लोगों का इस प्रकार रवैया ओमिक्रॉन संक्रमण पैदा होने का संकेत दे रहा है।
घर-घर की मुहिम हुई ठप
घर-घर जाकर कोविड प्रतिरोधक क्षमता के लिए लगाए जाने वाली दूसरी डोज की मुहिम फिलहाल कुछ दिनों से ठप पड़ी है। इसके पीछे असल वजह एनएचएम (आशा वर्कर) पंजाब भर में हड़ताल पर चल रही है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जिसका , इस मुहिम को खासा असर पड़ रहा है।
दूसरी डोज लगवाना अति जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, दूसरी डोज लगवाना अति आवश्यक है। क्योंकि, पहली डोज के लगने उपरांत कुछ समय तक असर रहता है। अगर दूसरी डोल नहीं लगवाई जाती है तो इससे फिर से कोविड की शिकायत हो सकती है। ऊपर से ओमिक्रॉन वेरिएंट के दस्तक देने से इस डोज का लगवाना अति जरुरी हो चुका है।