वरिष्ठ पत्रकार.CHANDIGARH।
आम आदमी पार्टी के एक मंत्री के खिलाफ पंजाब की उच्च न्यायालय ने फैसला किया। इसमें निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए उनके आदेश की पालना करने के लिए बोला गया। निचली अदालत मंत्री अमन अरोड़ा की सजा की रोक लगाने वाली दलील पर फैसला सुना सकती हैं। अगर सजा बरकरार रहती है तो अरोड़ा गणतंत्रता दिवस पर झंडा नहीं फहरा सकेंगे।
दरअसल, अरोड़ा के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए संगरूर निवासी अनिल कुमार पायल ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट 2013 में अपने आदेश में यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि कोई अदालत द्वारा किसी जनप्रतिनिधि को 2 वर्ष या अधिक के लिए सजा सुनाती है तो जनप्रतिनिधि एक्ट के अनुसार वह अयोग्य माना जाएगा। संगरूर की अदालत ने मंत्री अमन अरोड़ा को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए 21 दिसंबर, 2023 को दो वर्ष की सजा सुनाई थी।
कोई लाभ नहीं हुआ
याची ने कहा कि सजा सुनाते ही उन्हें अयोग्य करार दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। याची ने 26 दिसंबर को इस संबंध में मांगपत्र भी दिया था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। 5 जनवरी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री व विधानसभा को पत्र लिखकर इस बारे में कार्रवाई को कहा था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।