AMRITSAR….डाक्टर हड़ताल पर, सुबह 8-11 बजे तक NO OPD, NO OPERATION SURGERY, सिर्फ EMERGENCY सेवाएं रही बहाल, मरीज रहें परेशान

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साड़्डा हक ऐथे रख, के नारे से गूंजा अस्पताल परिसर, 11 तक चलेंगी निरंतर हड़ताल

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर चंडीगढ़। 

अपनी लंबित मांगों को लेकर पंजाब के (पीसीएमएस) डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। सोमवार को पंजाब के सभी सरकारी अस्पताल (सिविल अस्पताल) सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक हड़ताल पर रहें। स्थानीय सिविल अस्पताल अमृतसर में NO OPD, NO OPERATION SURGERY नहीं हुई, सिर्फ EMERGENCY सेवाएं को ही बहाल रखा गया। इस बीच आने वाले मरीज खासा परेशान दिखें। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इस बात का दावा जरूर किया कि  आपातकाल सेवाओं के लिए लगभग आधा दर्जन चिकित्सकों की विशेष टीम को तैनात किया गया, ताकि, किसी प्रकार से कोई दिक्कत न पेश आए। 

पीसीएमएस के नेतृत्व में प्रमुख सचिव डॉक्टर मधुर पोद्दार ने अस्पताल परिसर में साड्डा हक ऐथे रख के नारे से हड़ताल की शुरुआत की। सभी चिकित्सकों ने उनके समर्थन में एक सुर में हुंकार भरी। अपने संबोधन दौरान चिकित्सक नेता ने कहा कि उनकी समस्याएं काफी लंबे समय से पुरानी चल रही है। खासकर, सुरक्षा को लेकर सरकार बिल्कुल ही नहीं चिंतित हैं। कई दौर के बैठक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से हुई, लेकिन हर बार बेनतीजा रही। इसलिए, उन्हें हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आपातकाल सेवाएं को छोड़कर सभी सेवाएं 3 घंटा के लिए पूरे राज्य के सरकारी अस्पताल में बंद रखेंगी। 11 सितंबर तक हड़ताल इसी प्रकार जारी रहेंगी। उसके बाद प्रदेश के मंत्री साथ उनकी बैठक होने जा रही है। जो नतीजा बाहर निकल कर आएगा, उसी के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा। लेकिन, इस बार आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया गया। 

डा.जगरुप सिंह ने कहा कि उनके लिए प्राथमिकता मरीज है, लेकिन, सुरक्षा देना भी सरकार का मौलिक अधिकार बनता है। इसे तुरंत मान लेना चाहिए। चिकितस्कों की ज्यादा से ज्यादा भर्ती के लिए प्रक्रिया सरल होनी भी अति आवश्यक है। काम का दबाव हर चिकित्सक र बहुत ज्यादा बढ़  चुका है। 

यह है प्रमुख मांग

1) सुरक्षा अहम मुद्दा है, काफी लंबे से चल रहा है। 

2) उन्नति से लेकर भत्ता में लंबे समय से बढ़ोतरी नहीं की गई। 

3) प्रतिमाह पगार में कई बार अड़चन आ जाती है, उस प्रक्रिया को सरल किया जाना अति आवश्यक है। 

4) सबसे बड़ा चिंता का विषय है कि कई वर्षों से डॉक्टरों की भर्ती काफी कम संख्या में की जा रही है, 1-1 चिकित्सक 5-5 अतिरिक्त काम करने के लिए मजबूर हो रहा है। मानसिक तौर पर बोझ बढ़ा है। 

5) पगार कई वर्षों से नियमों के मुताबिक इजाफा नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर भी चिकित्सकों का सरकार के प्रति रोष है। 

मरीज रहे परेशान

एक अनुमान के मुताबिक, सिविल अस्पताल (अमृतसर) की प्रतिदिन ओपीडी 3 से 4 हजार तक है। कई मरीजों को यह तक नहीं पता था कि सोमवार को डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे है। ऐसे में मरीज जितेंद्र ने अपना दुखड़ा सुनाते कहा कि उनकी पत्नी का इलाज लंबे समय से सिविल अस्पताल में चल रहा है। जब देखा कि डाक्टर हड़ताल पर है, तब उन्हें काफी दुख हुआ। डॉक्टर के साथ-साथ मरीज की समस्या का हल भी होना चाहिए, ताकि हम लोग परेशान न हो पाए। इसी प्रकार निहंग तेज सिंह ने बताया कि उन्हें त्वचा की समस्या आ गई है। कोई उन्हें पूछ नहीं रहा है। अगर चिकित्सकों की समस्या है तो उनकी समस्या भी जायज है, इसलिए, उन्हें देखना भी डॉक्टरों का मौलिक अधिकार बनता है।  

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