AMRITSAR BLAST—भिंडरावाला को आजाद वीर मानता था अपना आदर्श……कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए लगाने से था खफा…..दहशत फैलाने के लिए 3 बम धमाकों को दिया अंजाम….खालिस्तान समर्थक पर पूर्व में भी दर्ज कई आपराधिक मामले

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर चंडीगढ़। 

धमाके करने वाले मुख्य अपराधी आजाद वीर सिंह के बारे में अहम खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि वह कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने से काफी खफा था। इसी वजह से उसने 3 धमाकों को अंजाम दिया। यह बात पुलिस पूछताछ में सामने आई।  वह अमृतसर के वडाला कलां का रहने वाला है। वह खालिस्तान समर्थक है और उस पर पहले भी धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज है।


तब कार्रवाई की होती तो शायद यह नहीं होता


अगर जून 2021 में छेहरटा पुलिस आजादवीर पर कार्रवाई कर देती तो आज यह धमाके नहीं होते। तब छेहरटा की भल्ला कॉलोनी निवासी दीपक शर्मा ने इसके विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज करवाया था। आरोपी आजाद वीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग पुलिस कमिश्नर से करने पर मंदिर श्रीराम बालाजी धाम चैरिटेबल ट्रस्ट के श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी अशनील महाराज को पाकिस्तान से धमकी भरे फोन आने लगे थे।


बम के साथ खिंचवाई फोटो


पहले धमाके से पहले आजादवीर ने सारागढ़ी पार्किंग की छत पर हाथ में बम लेकर फोटो भी खिंचवाई। पुलिस को यह फोटो उसके मोबाइल से मिली। धमाका होने के बाद आजादवीर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर उससे जुड़ी पोस्ट भी डाली थी। आजादवीर और उसके साथियों ने बम फोड़ने के लिए जानबूझकर हेरिटेज स्ट्रीज को चुना। वह यहां बम फोड़ कर दहशत फैलाना चाहते थे।


घर खंडहर जैसा हो चुका


आजाद वीर सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाला को अपना आदर्श मानता है। वह नशे का आदी हो गया था। इस कारण वह अपराध की दुनिया में शामिल हो गया। गांव वडाला में उसका घर खंडहर जैसा हो चुका है। ग्रामीणों के अनुसार उसकी की मां दलबीर कौर और पिता जसबीर सिंह का देहांत हो चुका है। इसके बाद परिवार का कोई भी सदस्य 10 साल से गांव में नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि माता-पिता की मृत्यु होने के बाद आजाद वीर सिंह की बहन प्रभजोत कौर और भाई परमवीर सिंह ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।

तहसीलदार रीडर के पद पर रहा कार्यरत


गांव वालों का कहना है कि कुछ साल पहले आरोपी की शादी हुई थी लेकिन पति-पत्नी में रिश्ते अच्छे न रहने के कारण आजादवीर की पत्नी ने उसे तलाक दे दिया। आजादवीर अपने पिता की मृत्यु के बाद तरनतारन व अन्य जगहों पर तहसीलदार रीडर के पद पर कार्यरत रहा। छोटी मोटी आपराधिक घटनाओं में उसका नाम आता रहता था। वह एक मामले में जेल भी जा चुका है। फिलहाल घटना के बाद ग्रामीण कई वर्षों से उसके गांव में न रहने का कारण बताते हुए इस संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।

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