AMRITSAR BREAKING..कुछ इस प्रकार से चल रहा था RACKET…जिसकी खबर बड़े अधिकारियों तक नहीं लगी..अपराधी की पूछताछ में हुआ इस बात का खुलासा

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर/ तरनतारन/ चंडीगढ़। 

पुलिस ने फर्जी हथियार लाइसेंस बनाने वाले गिरोह के 2 सदस्यों और 6 फर्जी हथियार लाइसेंस धारकों को गिरफ्तार कर इस रैकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता हासिल की है। यह जानकारी आज यहां पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।  यह रैकेट तरनतारन सेवा केंद्र के जिला मैनेजर सूरज भंडारी जो अब फरार है कि मिलीभगत से चलाया जा रहा था।


D.G.P गौरव यादव ने कहा कि गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों में तरनतारन सेवा केंद्र का कर्मचारी हरपाल सिंह और एक फोटो स्टेट दुकान का मालिक बलजीत सिंह जिसने फर्जी हथियार लाइसेंस बनाने के लिए आधार कार्ड और हथियार लाइसेंस प्रोफार्मा सहित आवश्यक पहचान दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने की बात स्वीकार की है, शामिल है। पुलिस टीमों ने लैपटॉप भी बरामद किया है, जिसमें अलग-अलग संपादित दस्तावेजों के विवरण व दस्तावेजों में हेरफेर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑनलाइन ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर भी शामिल हैं।
इस रैकेट का भंडाफोड़ 9 अप्रैल, 2024 को इरादा कत्ल मामले में गिरफ्तार किए अन्नगढ़ के बबलू उर्फ बल्लू जिसने पूछताछ के दौरान सह-आरोपी कंवरदीप सिंह के साथ नकली लाइसेंसी आग्नेयास्त्र रखने की बात कबूल की थी, से मिली जानकारी के बाद हुआ।


डीजीपी ने बताया कि आरोपी बल्लू के खुलासे के बाद एडीसीपी जोन-1 डाॅ.  दर्पण अहलूवालिया और एसीपी सेंट्रल सुरिंदर सिंह की देखरेख में थाना गेट हकीमां से टीमों ने जांच शुरू की और पाया कि हथियार लाइसेंस डिप्टी कमिश्नर कार्यालय तरनतारन से का सत्यापन किया गया था, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि तरनतारन के लोगों के अलावा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अमृतसर के निवासी भी फर्जी आधार कार्ड के आधार पर तरनतारन से फर्जी लाइसेंस बना रहे थे।

कुछ गन-हाउस की भूमिका संदिग्ध

D.G.P गौरव यादव ने गन हाउस की मिलीभगत से इनकार न करते हुए कहा कि पुलिस टीमें ऐसे गन हाउस की भूमिका की जांच कर रही हैं, जिन्होंने फर्जी लाइसेंस होने की जानकारी होने के बावजूद ऑनलाइन सत्यापन के बिना हथियार बेचे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगे की जांच जारी है।

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