AMRITSAR EXCLUSIVE———-सिविल अस्पताल एसएमओ की नालायकी….अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तनख्वाह अटकी…….जारी पत्र में हुआ इस बात का बड़ा खुलासा

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर/चंडीगढ़।

मरीजों की सच्ची सेवा करने वाले अधिकारियों (डाक्टर) तथा कर्मचारियों की  तनख्वाह अटकी पड़ी है। यह मामला, पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग सिविल अस्पताल से जुड़ा है। स्वास्थ्य एवं भलाई विभाग, पंजाब के निदेशक द्वारा जारी एक पत्र में इस बात का बड़ा खुलासा हुआ। इस पत्र में शीर्ष चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) को इसके पीछे का साफतौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए एक प्रकार से बड़ी नालायकी सामने आने का वाक्या सामने आया। फिलहाल, अधिकारी तथा कर्मचारी इस मामले में कोई भी जुबान खोलने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि, उन्हें इस बात का भयं भी सता रहा है कि कहीं उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई न हो जाए। लेकिन, अस्पताल सूत्रों से पता चला है कि यह मामला अब शांत होने वाला नहीं है। कभी भी कर्मचारी संगठन अपने हकों के लिए मोर्चा खोल सकते है। फिलहाल, इस मामले को लेकर शीर्ष चिकित्सा अधिकारी ने कोई बयान नहीं जारी किया। 

मंगलवार को सोशल मीडिया में  स्वास्थ्य एवं भलाई विभाग, पंजाब के निदेशक (बजट शाखा) द्वारा जारी एक पत्र खूब तेजी से प्रसारित हुआ। पत्र में साफतौर पर लिखा हुआ था कि अस्पताल के अधिकारी तथा कर्मचारियों के बिल यहां से कोई पेंडिंग नहीं है। सभी प्रकार के तनख्वाह से संबंधित बिल को लंबे समय से जारी कर दिया गया। फिर, इन सबके बावजूद हमें शिकायतें मिल रही है कि आपके द्वारा उनकी तनख्वाह को अब तक जारी नहीं किया गया। दरअसल, यह पत्र सिविल अस्पताल (अमृतसर) के शीर्ष चिकित्सा अधिकारी को भेजा गया। उन्होंने कड़े शब्दों में इस बात का भी हवाला दिया कि अगर आप इन सबकी तनख्वाह नहीं जारी कर पाते तो इसके लिए आप खुद (एसएमओ) जिम्मेदार होगा। 

कई माह से अटकी है तनख्वाह

जांच-पड़ताल में सामने आया है कि सिविल अस्पताल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लंबे समय से (2 माह) से तनख्वाह अटकी पड़ी है। उनके मुताबिक, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से उन्हें तनख्वाह हमेशा ही लेट दी जाती है। किसी प्रकार से कोई कारणवश भी नहीं बताया जाता है। हम लोग दिन-रात मरीजों की सच्चे दिल से सेवा करते है। कई बार तो अपने परिवार तथा मित्रों से मुलाकात तक नहीं कई दिन कर पाते है। इन सबके बावजूद उन्हें खराब किया जाता है। 

जानिए, कितनी है ओपीडी

सिविल अस्पताल अमृतसर में प्रतिदिन ओपीडी 3 हजार पार की है। कई बार यह आंकड़ा इसे भी पार कर जाता है। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पताल का डाक्टर तथा अन्य वर्ग से जुड़ा स्टाफ काफी मेहनती तथा जज्बे से काम करता है कि बड़ी से बड़ी चुनौती को आसान तरीके से हल कर देता है। मरीजों का भी इस अस्पताल पर काफी विश्वास है वह छोटी -बड़ी शरीर से संबंधित दर्द को बांटने के लिए इस अस्पताल में फटाक से पहुंच जाते है। 

…अगर नालायकी है तो कार्रवाई भी होनी चाहिए

विभाग से संबंधित बड़े अधिकारियों का मानना है कि अगर इस गंभीर मामले को लेकर किसी की नालायकी सामने आती है तो अवश्य ही उसके खिलाफ विभागीय तथा कानूनी कार्रवाई होना बनता है। क्योंकि, मामला कोई छोटा नहीं हैं, बल्कि विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ जुड़ा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच भी होनी चाहिए, ताकि, सच्चाई बाहर के साथ-साथ अन्य कौन-कौन शामिल है, उनके बारे भी पता लग सकें। 

पड़ सकता है प्रतिकूल असर

अगर समय पर इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया तो शायद अधिकारी तथा कर्मचारी लंबी हड़ताल पर भी जा सकते है। इससे ओपीडी तथा मरीजों के साथ बड़ा खिलवाड़ भी हो सकता है। पहले भी कई विभागीय गलतियों की वजह से मरीज तथा उनके तीमारदार सामना कर चुके है। क्योंकि, एक गरीब के इलाज के लिए सिर्फ तो सिर्फ सिविल अस्पताल एकमात्र सहारा है। इस गलती को सुधारना भी होगा तथा जल्द से जल्द समाधान भी निकालना होगा।  

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