वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन करने का फैसला लिया। संगठन के फैसले के अनुसार 7 मई को देवीदास पुर में अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन जाम किया जाएगा। संगठन मुताबिक, भगवंत मान सरकार राज्य को पुलिस राज्य बना रही है और केंद्र सरकार के इशारे पर गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन जिलों सहित पूरे पंजाब में सैकड़ों जगहों पर भारत माला और अन्य परियोजनाओं के तहत आने वाली सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण करने की कदम उठा रही है। इसी वजह से पिछले 3 वर्षों से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा कई जगह पर संघर्ष चलाया जा रहा हैं। शर्म की बात है कि पिछले दिनों सैकड़ों लोगों के मौलिक व मानवीय अधिकारों का हनन करते हुए बिना उचित मुआवजा दिए सरकार द्वारा जमीनों पर कब्जे किए गए हैं। पंधेर रविवार को पंजाब से आए किसानों के साथ बैठक कर रहे थे।
किसानों की जमीन जब्त करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि गुरदासपुर में प्रशासन ने बार-बार वादा किया है कि जिन किसानों का पैसा जमा नहीं हुआ है, उनकी जमीन जब्त नहीं की जाएगी, लेकिन कई किसानों की जमीन जब्त करने का प्रयास किया गया है, जिनके अवार्ड अभी तक नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि किसानों ने जमीन पर दोबारा कब्जा कर लिया है, लेकिन आज फिर भारी पुलिस बल अमृतसर जिले के सैदुके गांव में जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचा है।
चेतावनी–राज्य सरकार को उठानी पड़ेगी इसकी कीमत
उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार पुलिस का प्रयोग कर लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है तथा पंजाब के विकास का बहाना बनाकर कॉरपोरेट घरानों के विकास को बढ़ावा दे रही है, पंजाब सरकार को जल्द ही इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 7 तारीख के रेल चक्का जाम की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भूस्वामियों का कहना है कि भले ही सरकार किसानों की जान ले ले, लेकिन हम सरकार से संघर्ष के दौरान बलिदान देने की बात कर रहे हैं, न कि हमारी जमीन जाने के बाद भूखे मरने की।
भविष्य में और भी मोर्चे खोले जा सकते है
उन्होंने कहा कि अगर पहले दिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई तो 8 मई को फिरोजपुर के बस्ती टैंका वाली में दूसरा मोर्चा खोला जाएगा और इसी तरह भविष्य में और भी मोर्चे खोले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इस कार्रवाई से लोगों को असुविधा हो सकती है, लेकिन यह उन किसानों और उनके परिवारों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है, जिनकी करोड़ों रुपये की जमीन बेकार या मुफ्त में दफन हो रही हैं।
केंद्र-पंजाब सरकार होगी जिम्मेदार
इसलिए अगर यह रेल रोको मोर्चा होता है तो इसके लिए पंजाब और केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि आज हमारी अपील है कि सरकार लोगों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए समय रहते इस मुद्दे का समाधान करने की दिशा में आगे बढ़े।