वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
शुक्रवार को प्रदेश के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से चंडीगढ़ स्थित पंजाब राजभवन में पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान चीमा ने गवर्नर से चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की नई इमारत के लिए 10 एकड़ जमीन दिए जाने के मंजूरी प्रस्ताव पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के 22 गांव को उजाड़ कर चंडीगढ़ शहर बसाया गया था और 1966 में जब पंजाब और हरियाणा का बंटवारा हुआ तो अस्थाई व्यवस्था के तौर पर हरियाणा को चंडीगढ़ में अपने प्रशासन और शासन कार्य के संचालन के लिए स्थाई तौर पर जगह उपलब्ध कराई गई थी जबकि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पर पूरी तरह से पंजाब का अधिकार है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गवर्नर से मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की सबसे बड़ी लापरवाही है जिसका खामियाजा आज पूरे पंजाब को उठाना पड़ रहा है। चीमा ने कहा कि लंबे समय तक पंजाब में कांग्रेस की और गठबंधन के तहत भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की प्रदेश में सरकार रही। इसके बावजूद चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरी तरह से अधिकार होने को लेकर कभी भी कांग्रेस और गठबंधन की भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने इस मुद्दे पर केंद्र के समक्ष गंभीरता से नहीं उठाया।