वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
पुलिस जहां अनाधिकृत ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने भी तीन इमिग्रेशन फर्मों के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत तीन फर्मों – रेड लीफ इमिग्रेशन प्राइवेट लिमिटेड, ओवरसीज पार्टनर एजुकेशन कंसल्टेंट्स और इंफोविज सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस से संबंधित लुधियाना और चंडीगढ़ में पांच व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की।
यूएस दूतावास की शिकायत पर कार्रवाई
ईडी को संदेह है कि कुछ धोखाधड़ी वाले सौदों में धन शोधन किया गया था। ईडी अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 19 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। ईडी ने 3 वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों द्वारा की गई धोखाधड़ी गतिविधियों के संबंध में ओवरसीज क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन, यूएस दूतावास, नई दिल्ली के कार्यालय की शिकायत के आधार पर पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
जांच में हुआ खुलासा
जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं ने ऐसे अयोग्य वीजा आवेदकों के जाली शिक्षा प्रमाण पत्र/अनुभव पत्र बनाए थे जो अमेरिका में अध्ययन या काम करने के इच्छुक थे। संस्थाओं ने गलत शुल्क के बदले वीजा आवेदन के लिए न्यूनतम खाता शेष दिखाने के लिए विभिन्न वीजा आवेदकों के खातों में धनराशि भी स्थानांतरित की थी। विभिन्न तथ्यों और परिस्थितियों में हेराफेरी करके वीजा आवेदकों को अमेरिकी वीजा के लिए योग्य दिखाया गया।
मोटी रकम वसूली
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आपराधिक गतिविधियों के जरिए आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं ने वीजा आवेदकों से मोटी रकम वसूली और ऐसी गतिविधियों से अर्जित अपराध की आय को चल और अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया गया और विभिन्न बैंक खातों में जमा किया गया।