लेखक विनय कोछड़.चंडीगढ़।
पंजाब में पिछले समय में जितने बम धमाके हुए, उसके कहीं न कहीं सीमा पार पाकिस्तान से भी जुड़ रहे है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि अब पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) विदेश में बैठे उग्रवादियों को ट्रेड कर रही है। उन्हें ग्रेनेड से लेकर अत्याधुनिक हथियार चलाने के लिए सिखलाई दी जा रही है। इस बात का दावा एजेंसी ने कई बार अपनी इनपुट में दिया भी है। पता चला है कि ग्रेनेड तथा हथियारों की खेप को ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से भारतीय सीमा में फेंका जा रहा है। आगे से उसकी डिलीवरी भी सीमा पास के रहने वाले युवा हासिल कर रहे है। उन्हें पैसा मोटा दिया जा रहा है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हो रहा है ये युवा एकदम बेरोजगार है, इसलिए पैसे का लालच देकर अपनी तरफ खींचा जा रहा है। यह नेटवर्क बहुत बड़ा खड़ा हो चुका है। इसे ध्वस्त करना अब पंजाब पुलिस तथा उनके खुफिया शाखा के बस की बात नहीं रही, इसलिए, अब केंद्रीय एजेंसी इन पर फोकस कर रही है।
आईएसआई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, जिसका मेन टारगेट आरंभिक तौर पर रहा है कि कैसे भारत को नुकसान कराया जाए। उसने हमेशा ही फंडिंग के दम पर भारत में कई आतंकी हमले करवाए। इस बात का कबूलनामा भारत में पकड़े गए दहशतगर्दों ने किया। ऐसा नहीं है कि भारत ने कई बार आतंकी मामलों से जुड़े डोजियर पाकिस्तान को सौंप चुका है, इसके बावजूद पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया। अब आईएसआई पंजाब के आतंकी संगठन जो कि विदेश में बस चुके है, उनकी पूरी तरह से मदद कर रहा है। उन्हें फंडिंग से लेकर हथियार, ग्रेनेड, अपने देश में ट्रेनिंग तक दे रहा है। बताया जा रहा है कि पंजाब में 1 माह में जितने बम धमाका हुए, उनमें कहीं न कहीं पाकिस्तान में ट्रेनिंग दिए जाने की बात सामने आ रही है। फिलहाल, पुलिस तथा खुफिया विभाग का उच्च अधिकारी इसे जांच का विषय बताकर खुल कर नहीं बोल रहा है। यहां पर एक बात को साफ हो चुकी है कि विस्फोट में इस्तेमाल ग्रेनेड सरहद पास से आए है। जिन्हें पाक द्वारा ड्रोन के माध्यम से भारतीय सीमा पर फेंका गया। इन्हें सीमावर्ती गांव के बेरोजगार युवा जो आतंकी संगठन के साथ जुड़ चुके है, उन्होंने हासिल किया। सूत्रों से पता चला है कि उन्हें इस काम की बड़ी कीमत मिली।
उधर, इन विस्फोट की जांच कर रही एक टीम ने नाम नहीं छापने की सूरत में बताया कि उनकी राडर में कुछ युवक सामने आए है जो कि आतंकी संगठनों के लिए काम करने लग पड़े है। यह एकदम बेरोजगार है। उन्हें पैसों का लालच देकर अपने साथ मिला लिया गया। बातचीत का तरीका भी अलग ढंग से किया जाता है, जिससे वे लोग जल्दी कहीं एजेंसी की राडर पर नहीं आते है। फिलहाल, इनके पकड़े जाना एक प्रकार से पुलिस तथा एजेंसी के लिए बड़ी चुनौती है। दावा किया जा रहा है कि अगर ये लोग पकड़े जाते है तो कहीं न कहीं बड़े खुलासे हो सकते है।
जानिए..किन-किन देशों से चल रहे आतंकी संगठन
जांच एजेंसी के एक शीर्ष पूर्व अधिकारी ने बताया कि पंजाब से बाहर विदेश में कई देश से खालिस्तानी आतंकी संगठन चल रहे है। इनमें कनाडा , अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, हंगरी, पोलैंड, जर्मनी जैसे देश शामिल है। ऐसा नहीं है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कई बार इन देशों के साथ बातचीत के दौरान मुद्दा भी उठाया तथा उन्हें इनके खिलाफ डोजियर भी सौंपे गए। पाकिस्तान में भी इसी प्रकार से आतंकी भारत के खिलाफ आए दिन षड्यंत्र रचते है।
हवाला के माध्यम से होता है पैसों का लेनदेन
अकाउंट फंडिंग अब फंसने का तरीका बेकार हो चुका है, इसलिए आतंकी संगठन अब पैसों का लेनदेन हवाला के माध्यम से कर रहे है। इससे किसी प्रकार की आशंका नहीं पैदा होती है। सूत्रों से पता चला है कि इन बम धमाका में पैसों के लेनदेन हवाला के माध्यम से किया गया। वारदात देने वाले सभी बिना अपराध की दुनिया जुड़े युवा बताए जा रहे है। काम के लिए मोटा पैसा दिया गया। खुफिया तथा पुलिस टीम इन युवाओं की तलाश में छापेमारी कर रही है। फिलहाल कोई गुनहगार हाथ नहीं लगा है। पुलिस के हाथ एकदम खाली है। हवा में खाली तीर चला रही है।
…सभी में यह तरीका एक सामान अपनाया गया
विशेषज्ञ बताते है कि जितने बम धमाका पंजाब के थाना में किए गए, उन सभी में एक बात एकदम समान थी। बम धमाका देने वाले मोटरसाइकिल सवार 2 की संख्या थी। बम रखने के बाद लाइव वीडियो बनाकर, उसे विदेश में बैठे अपने आका को भेज देते थे। उसके उपरांत आका सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर इस वारदात की बड़ी आराम से जिम्मेदारी ले लेता था। बताया जा रहा है कि ये सभी वारदात को अंजाम देने वालों का कहीं न कहीं पुलिस द्वारा सताए जाने का पहलू सामने आ रहा है। इस प्रकार की पोस्ट सोशल मीडिया में खूब तेजी से प्रसारित हो रही है। पोस्ट डालने वाले आतंकी फौजी, फतेह सिंह बागी की बताई जा रही है। जो कि पुलिस द्वारा उनके परिवार को प्रताड़ित करने के बाद 2 नंबर में विदेश भाग गए। वहां पर वे लोग आतंकी संगठन के संपर्क में आ गए। ट्रेनिंग के अलावा उन्हें हर प्रकार के तरीके से ट्रेंड किया गया।
सीसीटीवी में नहीं हो रहा कुछ भी क्लीयर
यहां-यहां पर थाना के बाहर ग्रेनेड फेंका गया। पास में लगे सीसीटीवी कैमरा में कुछ नहीं क्लीयर हो पाया। सूत्रों से पता चला है कि किसी का चेहरा तक नहीं सामने आ रहा है। कुल मिलाकर पुलिस के हाथ एकदम खाली दिख रहे है। अब पुलिस अपने सूत्रधारों का इस्तेमाल कर रही है। पता चला है कि उसमें भी पुलिस के हाथ कोई सुराग या फिर अंजाम देने वालों का पता नहीं चल पाया। पुलिस की जांच शुरु होने के बाद फिर से वहीं पहुंच जाती है। पुलिस कहीं न कहीं कुछ ऐसी चीजों को मिस कर रही है जो उन्हें तय तक पहुंचा सकती है। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि अब इसकी जांच को किसी अन्य जांच एजेंसी के हवाले किया जा सकता है। क्योंकि,मामला आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।