वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व आईजी सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए। विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष खुलासा किया। बताया गया कि इस मुठभेड़ में काला अफगाना के रहने वाले सुखपाल सिंह को आतंकी गुरनाम सिंह बंडाला उर्फ नीला तारा साबित कर दिया गया। फिलहाल, अदालत ने रिपोर्ट के आधार पर अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित कर दी गई।
क्या था पूरा प्रकरण
पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में मृतक सुखपाल की पत्नी दलबीर कौर ने एडवोकेट आर कार्तिकेय के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि 13 अगस्त 1994 को पुलिसवाले उनके गांव काला अफगाना में आए थे और उसके पति को यह कहकर ले गए थे कि मजीठा में पुलिस को किसी मामले की जांच के लिए सुखपाल की जरूरत है इसके बाद सुखपाल वापस नहीं लौटा।
इसी बीच उन्हें जानकारी मिली थी कि आतंकवादी गुरनाम सिंह बंडाला उर्फ नीला तारा को रोपड़ में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया है। लेकिन बाद में पता चला कि मुठभेड़ में जिसे मारा गया है वो बंडाला नहीं बल्कि सुखपाल था।